रेलवे ने मजदूरों को गांवों तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। इसके चलते रेलवे मुलाजिम स्टेशन पर ड्यूटी पर डटे हैं। लॉक डाउन में लुधियाना से अब तक करीब 200 ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं, जिसमें टिकट चेकिंग स्टाफ का अहम रोल रहा है। यही लोग श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के चलने के असली हीरो हैं, जो पहले दिन से ही फ्रंट लाइन पर तैनात हैं।
हर यात्री की एंट्री, रजिस्ट्रेशन, चेकिंग से लेकर डिब्बे के अंदर व्यवस्था करने में पीछे नहीं हटे तो लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में भी चूके नहीं।
यही नहीं संक्रमण के खतरे की बीच इनका जज्बा कम नहीं हुआ और हर यात्री की हरसंभव मदद कर रहे हैं। लॉकडाउन में ड्यूटी पर डटे मुलाजिमों की सुविधाओं का अभाव रहा है।
प्रशासन की तरफ से सुरक्षा को लेकर कोई भी सामान मुहैया नहीं करवाया गया तो पीने के पानी से लेकर खाने तक की भी सुविधा नहीं दी गई। इसके बावजूद टिकट चेकिंग स्टाफ ड्यूटी से पीछे नहीं हटा।
लुधियाना स्टेशन पर 83 टिकट चेकिंग स्टाफ, सीएमई, स्टेशन मास्टर, डायरेक्टर समेत करीब 100 मुलाजिम हैं। टिकट चेकिंग स्टाफ बारी-बारी ड्यूटी कर रहे हैं तो आला अफसर दिन-रात चलने वाली स्पेशल ट्रेनों पर लगातार नजर रख रहे हैं।
हर यात्री की रजिस्ट्रेशन (नाम-पता, मोबाइल नंबर, स्टेशन) जैसे छोटे से छोटे काम को बखूबी निभाया जा रहा है। प्रशासन-पुलिस के साथ तालमेल बना कर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में पलायन करवाने में भी कोई चूक नहीं कर रहे।
फिरोजपुर डिवीजन से 300 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें चलीं
फिरोजपुर डिवीजन से अब तक 300 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। जबकि शहर से 170 के करीब ट्रेनों में 2.38 लाख से ज्यादा यात्री पलायन कर चुके हैं। जालंधर से करीब 80, अमृतसर से 35, फिरोजपुर से 13, कटरा से 12 तो पठानकोट, होशियारपुर और गुरदासपुर से 1-1 ट्रेन चलाई जा चुकी हैं। इन सभी ट्रेनों में अब तक 4 लाख से ज्यादा मजदूर पलायन कर चुके हैं।
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