कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ड्यूटी लगाए जाने के बाद भी दो माह से वेतन नहीं देने से नाराज रायपुर, सिम्स बिलासपुर, राजनांदगांव व रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के 275 जूनियर रेसीडेंट (जेआर) ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। इनमें रायपुर मेडिकल कॉलेज के 25 जेआर शामिल हैं। इतनी बड़ी संख्या में इस्तीफे के बाद शासन ने 2014 बैच में एडमिशन लेने वाले 361 एमबीबीएस डॉक्टरों की दो साल की ग्रामीण सेवा के लिए पोस्टिंग कर दी है। इनमें ज्यादातर वही डॉक्टर हैं, जिन्होंने सामूहिक या व्यक्तिगत इस्तीफा दिया है। अब उन्हें संबंधित अस्पतालों में ड्यूटी ज्वाइन करनी होगी। शेष|पेज 5
बुधवार को नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर के 15 से ज्यादा जेआर ने वेतन नहीं मिलने का हवाला देते हुए डीन को इस्तीफा सौंप दिया था। बुधवार को 20 जेआर ने और इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिम्स के 95, रायगढ़ के 50 व राजनांदगांव के जेआर ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया। इससे मेडिकल कॉलेजों में कोरोना ओपीडी से लेकर आईपीडी में इलाज प्रभावित होने की आशंका थी। शासन ने शाम तक उन्हीं डॉक्टरों की पोस्टिंग विभिन्न अस्पतालों में कर दी है। ये पोस्टिंग एमबीबीएस के बाद दो साल की अनिवार्य सेवा के तहत की गई है। प्रदेश में कोरोना के मरीज आने के बाद मार्च में ही इंटर्नशिप पूरी करने वाले 383 डॉक्टरों को सीधे जेआर बना दिया गया था। नियमानुसार यह गलत था लेकिन मरीजों के इलाज में दिक्कत न हो इसलिए उन्हें जेआर बना दिया गया। उनका वेतनमान तय नहीं किया गया। इस वजह से दो माह से वेतन नहीं मिला। रायगढ़ में जरूर 60 हजार वेतन देने की चर्चा थी, लेकिन रायपुर समेत किसी भी मेडिकल कॉलेज के जेआर को दो माह का वेतन नहीं मिला है। इस्तीफा देने वाले आल इंडिया के नहीं बल्कि स्टेट कोटे के तहत एडमिशन लेने वाले छात्र हैं। 2015 से आल इंडिया कोटे के तहत एडमिशन लेने वालों के लिए दो साल की ग्रामीण सेवा अनिवार्य कर दी गई है।
पीपीई किट नहीं देने की शिकायत
जिन्हें जेआर बनाया गया था, उनकी ड्यूटी कोरोना ओपीडी से लेकर वार्ड में लगाई गई थी। जेआर की शिकायत है, उन्हें पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की ड्यूटी करनी पड़ रही है। कोरोना ओपीडी के पीपीई किट, ग्लब्स व फेस शील्ड तक नहीं दिया गया। वार्ड में भी लापरवाही बरती गई। ओपीडी में मरीज उन्हीं के भरोसे थे। जबकि सीनियर कंसल्टेंट नजर ही नहीं आ रहे थे। जेआर ने इस्तीफे में इस बात का जिक्र किया है कि उन्हें लापरवाही के बीच ड्यूटी कराई जा रही थी।
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