परिक्षेत्र कार्यालय परिसर के निवास में क्लर्क ने सागौन के पेड़ को कटवाकर रातोंरात गायब करा दिया था। इसके बाद मामला सामने आने के बाद विभाग ने जांच शुरू की और दो दिन बाद सागौन के लठ्ठे बरामद किए। अब नियमों को खंगालकर यह पता किया जा रहा है कि यह अवैध कार्य वन विभाग के ही कर्मचारी ने ही की है तो उस पर क्या कार्रवाई की जा सकती है। उनकी जगह कोई और होता तो कार्रवाई में इतनी देर नहीं लगती। इधर कार्रवाई में देर होने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
लोगों का कहना है कि वन परिक्षेत्र कार्यालय परिसर में सबके सामने मामला आने के बाद कार्रवाई में देरी होना समझ से परे हैं। परिसर में अंदर हरे भरे सागौन वृक्ष कटाने वाले क्लर्क गोविंददास मानिकपुरी के खिलाफ गोलमोल कार्रवाई की जा रही है। मामले में अन्य दो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों पर दोष मढ़ते हुए विभाग मामले को रफा दफा करने में लगा हुआ है।
इसके पूर्व भी डिपो प्रभारी रहे डिप्टी रेंजर कोरचे द्वारा डिपो में जलाऊ लकड़ी की कमी को पूरा करने के लिए परिक्षेत्र परिसर में लगे विभिन्न प्रजाति के हरे भरे 6 से 7 वृक्षों को धराशायी कर दिया गया।
वन परिक्षेत्र अधिकारी मुकेश नेताम ने बताया कि वन विभाग के कार्यालय नगरीय क्षेत्र में है। यह राजस्व का क्षेत्र है या वन विभाग का इसकी जानकारी जुटा रहे हैं। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को मामला भेजा जाएगा।
अपराध की श्रेणी में आता है सागौन काटना
सागौन वृक्ष महंगी इमारती लकड़ी की सूची में है, इसे काटने व कटवाने वाले के खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान हैं। पांच दिन पहले क्लर्क ने अपने सरकारी निवास में लगे वर्षो पुराने हरे भरे सागौन वृक्ष को कटवा दिया। पेड़ काटने का सिर्फ एक ही कारण था कि उनकी कार पार्क करने में थोड़ी परेशानी हो रही थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2W8qOC7
No comments:
Post a Comment