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Friday, January 8, 2021

अंबेडकर अस्पताल में 15 से शुरू होगी बायपास सर्जरी, निजी अस्पतालों में 2 लाख यहां लगेंगे सवा लाख

अंबेडकर अस्पताल के एक हिस्से में संचालित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट(एसीआई)में 15 जनवरी से हार्ट के मरीजों की बायपास सर्जरी शुरू की जाएगी। प्रदेश का ये पहला सरकारी अस्पताल है, जहां शासकीय तौर पर हार्ट सर्जरी की सुविधा मिलेगी। गरीबी रेखा से नीचे आने वालों की यहां सर्जरी बिलकुल फ्री होगी। सामान्य श्रेणी के मरीजों को 1.25 लाख खर्च आएगा। प्राइवेट में यही सर्जरी दो से ढाई लाख में की जा रही है। एसीआई में दो नियमित कार्डियेक सर्जन हैं। बायपास सर्जरी के लिए जरूरी नई हार्ट लंग मशीन खरीद ली गई है। अस्पताल में सर्जरी के लिए सिस्टम बना लिया गया है। अस्पताल में कार्डियक एनेस्थेटिस्ट व परफ्यूजिनिस्ट की पोस्टिंग की जा रही है। हालांकि कार्डियेक एनेस्थेटिस्ट को प्रति केस 10 व परफ्यूजिनिस्ट को 4 हजार मानदेय दिया जाएगा। फिजिशियन असिस्टेंट को हर माह वेतन दिया जाएगा। यह वेतन स्वशासी मद से दिया जाएगा। डॉ. खूबंचद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के दायरे में आने वाले मरीजों का फ्री इलाज होगा। यानी उन्हें अलग से कोई पैसे देने की जरूरत नहीं होगी। जिनके पास कार्ड नहीं है, उन्हें भी प्राइवेट अस्पताल से काफी कम सवा लाख देने होंगे। 1 नवंबर 2017 को अंबेडकर अस्पताल में ही एसीआई की शुरुआत हुई थी। सबसे पहले यहां कार्डियो थोरेसिक व वेस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) व कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी शुरू हुई थी। उसके पहले यह सेंटर जोगी शासन काल में प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत एस्कार्ट हार्ट सेंटर को दिया गया था। सेंटर में निर्धारित मापदंडों के अनुसार गरीब मरीजों की फ्री सर्जरी नहीं की जा रही थी। इस वजह से सरकार ने अनुबंध तोड़ दिया। उसके बाद से ही इसे सरकारी तौर पर शुरु करने की प्रक्रिया चालू की गई। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मेडिकल कॉलेज के डीन, अस्पताल अधीक्षक व एसीआई कार्डियक सर्जन की बैठक लेकर 15 जनवरी तक बायपास सर्जरी शुरू करने का अल्टीमेटम दिया था। उसके बाद से ही कार्डियक सर्जरी विभाग ने कुशल कार्डियक एनेस्थेटिस्ट, परफ्यूजिनिस्ट व फिजिशियन असिस्टेंट की खोज शुरू की। तीनों ही जरूरी स्टाफ ने एसीआई में काम करने पर सहमति जताई है। इसके बाद बायपास सर्जरी शुरू हो जाएगी। अस्पताल में दो नियमित कार्डियक सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू व डॉ. निशांत चंदेल सेवाएं दे रहे हैं। सेंटर में दो सर्जन होने से नियमित सर्जरी होती रहेगी। एक सर्जन के छुट्‌टी पर जाने से भी ऑपरेशन प्रभावित नहीं होगा।

अभी हो रही फेफड़े व खून की नसों की सर्जरी, अब तक 10 हजार
सीटीवीएस विभाग में अभी फेफड़े व खून की नसों की बड़ी सर्जरी की जा रही है। यहां तीन साल में 10 हजार के आसपास छोटी-बड़ी सर्जरी की जा चुकी है। ट्रामा सेंटर से आए मरीजों के अलावा रूटीन में सर्जरी की जा रही है। ओपन हार्ट सर्जरी शुरू होने से वॉल्व रिप्लेसमेंट भी संभव होगा। हार्ट लंग मशीन का ट्रायल सफल रहा है।

"एसीआई में 15 जनवरी से बायपास व ओपन हार्ट सर्जरी शुरू हो जाएगी। इसके लिए जरूरी उपकरण की व्यवस्था व स्टाफ की भर्ती की जा रही है। सर्जरी के लिए दो कार्डियक सर्जन उपलब्ध है, जिससे नियमित सर्जरी होगी।"
-डॉ. विष्णु दत्त, डीन नेहरू मेडिकल कॉलेज



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प्रतीकात्मक फोटो।


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