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Wednesday, April 29, 2020

कालाजार प्रभावित 10 राजस्व गांव में छिड़काव शुरू

कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पिपरा प्रखंड के कालाजार से प्रभावित राजस्व ग्राम में कालाजार नियंत्रण के लिए सिंथेटिक पैरासाइट का छिड़काव शुरू किया गया है। जहां पथरा उत्तर पंचायत में 968 घरों में छिड़काव हो चुका है। मच्छर जनित रोग पर्यवेक्षक संतोष कुमार सुमन ने कहा कि कालाजार बालू मक्खी के काटने से होता है।
इस बीमारी का सामान्य लक्षण में दो सप्ताह या अधिक समय से बुखार लगना, बुखार सामान्य उपचार से ठीक ना हो, भूख की कमी, खून की कमी, चमड़े का रंग काला पड़ना शामिल है। इस बीमारी का इलाज जल्द नहीं किए जाने पर मरीज की मौत भी हो सकती है। इसी को लेकर सरकार द्वारा विभागीय स्तर से विभिन्न गांव में सिंथेटिक पैरासाइट का छिड़काव कर बालू मक्खी को खत्म किया जा रहा है। राई के दाने के आकार की मक्खी घर के दीवारों की दरारों के बीच, गोबर के बीच, बांस के जंगलों में, केला बागान, अंधेरे कमरों एवं नमी वाले स्थानों पर पनपती है। उन्होंने बताया कि पिपरा प्रखंड के कुल दस राजस्व ग्राम को कालाजार नियंत्रण के लिए सिंथेटिक पैरासाइट छिड़काव के लिए चिन्हित किया गया है।
जिसमें पिपरा, मकरई, महेशपुर, छिट दुबियाही, रामपुर, अमहा, जोलहनिया, रामनगर, थुमहा, बिशनपुर शामिल है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन बरसों से यहां कालाजार के मरीज पाया गया है। प्रखंड अंतर्गत कुल 4 टीम में कुल 24 छिड़काव कर्मी कार्य कर रहे हैं। यह दो महीने तक चलेगा। छिड़काव दल में डॉ अजय कुमार सिंह, एएनएम ज्योति वर्मा, एसएफडब्ल्यु कृष्ण कांत झा, कृष्ण देव मंडल, दिनेश कुमार, राम विनोद कुमार, चंदन कुमार शामिल थे।



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कटैया-निर्मली में सिंथेटिक पैरासाईट का छिड़काव करती टीम।


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