Breaking

Monday, August 3, 2020

45 की जगह 20 मिनट में होश में आया तेंदुआ, खुद भाग गया

रविवार को चारामा विकासखंड के ग्राम बागडोंगरी के एक मकान में 20 घंटे से कैद तेंदुआ को पकड़ने वन विभाग ने तमाम उपाय किए लेकिन किसी में कामयाबी नहीं मिली। पिंजरा व मुर्गा के अलावा ट्रेंकुलाइज करने रायपुर से स्पेशलिस्ट टीम भी बुलाई गई। ट्रेंकुलाइज गन से तेंदुआ को शूट भी किया गया। लेकिन वन विााग की सभी कार्रवाई पर प्रश्नचिन्ह लगाते तेंदुआ वहां से भाग निकला जहां से उसे ट्रेंकुलाइज गन से शूट करने खपरैल हटाई गई थी। जब हलचल हुई तब वहां तैनात अमले को जानकारी हुई कि तेंदुआ भाग गया।
रविवार सुबह 7 बजे भोजन की तलाश में जंगल से भटक कर तेंदुआ बागडोंगरी के एक मकान में घुस गया था। गांव में तेंदुआ घुसने की सूचना के बाद मौके पर भारी भीड़ जुट गई थी। सूचना मिलते ही वनविभाग की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। वनविभाग ने रेस्क्यू आपरेशन शुरू करते तेंदुआ जिस कमरे में था उसके दरवाजे पर पिंजरा लगा दिया था ताकी बाहर निकलने पर तेंदुआ उसमें कैद हो जाए जिससे उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ जा सके। मौके पर जुटी भीड़ के चलते वनविभाग का रेस्क्यू सफल नहीं हो पा रहा था।
तेंदुआ को पिंजरे में फंसाने वनविभाग ने दो मुर्गे भी चारे के रूप में डाले जिन्हें झपट कर तेंदुआ खा गया लेकिन पिंजरे में कैद नहीं हो पाया था। तेंदुआ जिस घर में घुसा था उसके कमरे में ही बैठा रहा। शाम 6 बजे तक जब तेंदुआ बाहर नहीं निकला तो रात में रायपुर से एक्सपर्ट टीम बुलाई गई। ट्रेंकुलाइज गन से लैस टीम रात 8 बजे से आपरेशन शुरू किया। तेंदुआ को शूट करने छत से खपरैल हटाई गई। वहां से निशाना साधा गया और तेंदुआ बेहोश हो गया। कुछ देर बार तेंदुआ फिर से होश में आ गया। दोबारा उसे शूट करने कोशिश की गई लेकिन मौका नहीं मिला। इसके बाद उसे छोड़ अमला बाहर तैनात रहा।
इधर तड़के 3 बजे कुछ आवाजें आई। हलचल होने के बाद फिर से कमरे का मुआयना किया तो वहां तेंदुआ नहीं था। तेंदुआ के पैरों के निशान मिले। तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज करने जहां खपरैल हटाई गई थी वह वहीं से बाहर निकल जंगल की ओर भाग गया।

तीन ग्रामीणों पर हमले का प्रयास
रविवार सुबह बागडोंगरी का किसान सियाराम कोमरा अपने खेत जा रहा था जिसपर अचानक तेंदुआ ने हमला कर दिया। किसान ने डंडे से तेंदुआ पर वार किया जिससे तेंदुआ पास के ही एक घर की बाड़ी में घुस गया था। बाड़ी में दो महिलाएं थी जिनकी ओर तेंदुआ लपका तथा दोनों को धक्का मारते बगल की बाड़ी में कूदकर सगराम साहू के मकान में जा घुसा था। इसी घर के एक कमरे में 20 घंटे तक बैठा रहा। तेंदुआ के सुरक्षित निकल जाने से वनविभाग तथा ग्रामीणों राहत की सांस ली है।

निशाना सटीक नहीं या दवा का अंदाज नहीं
ट्रेंकुलाइज करने के बाद तेंदुआ के बेहोश होने पूरी तरह आश्वस्त होने के लिए छत से ही बांस डाल कर उसे छूकर देखा गया। बेहोश पड़े तेंदुआ में कोई हलचल नहीं हुई। लेकिन 20 मिनट बाद वह जाग गया जबकि तेंदुआ में करीब पौन घंटे तक बेहोशी की दवा का असर होना था। ऐसे में ये सवाल उठने लगा है कि ट्रेंकुलाइज करने वाले डाॅक्टर का निशाना सटीक नहीं था या फिर कितनी दवा देनी है इसका अंदाजा नहीं था। हालांकि वन विभाग ने जल्दबाजी नहीं की, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The leopard came to his senses in 20 minutes instead of 45, ran himself


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Plhhnp

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Pages