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Monday, August 24, 2020

झाड़ी में पड़ी लड़की को अस्पताल लेकर न तो पुलिस खुद गई और न ही जीप भेजी; आधे घंटे बाद ठेले से भिजवाया

राजनगर थाना की ओर से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। राजनगर के राज कैंपस में मछली फाटक के पास से झाड़ियों से एक अधमरी स्थिति में एक अज्ञात लड़की बरामद हुई। लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस की ओर से लड़की को इलाज के लिए ले जाने के लिए तत्काल एंबुलेंस या दूसरे वाहन की व्यवस्था नहीं की गई। पुलिस ने अपनी जीप से भी लड़की को हाॅस्पिटल तक नहीं पहुंचाया। इसके बदले लड़की को ठेले पर लादकर मुख्य सड़क तक लाया गया। इसके बाद एक ऑटो को रुकवाकर लड़की को सदर अस्पताल के लिए चौकीदार के साथ रवाना कर दिया गया। लड़की का इलाज सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में चल रहा है। डॉक्टर संतोष कुमार ने बताया कि उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

वहीं, देर रात तक पुलिस को यह पता नहीं चला कि लड़की कौन है और कहां से आई है। मामला सोमवार की सुबह लगभग 9 बजे का है। गांव के कुछ बच्चे बकरी चराने झाड़ी की ओर गए थे। इसी बीच बच्चों ने झाड़ी में लड़की को अधमरे स्थिति में देखा व इसकी सूचना अपने परिजनों को दी। मौके पर पहुंचे लोगों ने देखा कि लड़की की सांसे चल रही थी। इसके बाद इसकी सूचना स्थानीय लोगों ने घटना स्थल से महज 500 मीटर दूर स्थित राजनगर थाना को दी।

राजनगर का मामला : सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में चल रहा है लड़की का इलाज, स्थिति गंभीर

हाथ और आंख पर मिले हैं चोट के निशान

थाने के पास अपनी गाड़ियां है जिससे लड़की को इलाज के लिए तुरंत भेजा जा सकता था। लेकिन पुलिस ने एक संदिग्ध स्थिति में अधमरी हालत में झाड़ी में मिली लड़की को ठेले पर ही इलाज के लिए भेजना उचित समझा। मौके पर मौजूद जीवछ साफी, अमृत राम और मो. जाकिर ने बताया कि लड़की के हाथ, आंख और शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे।ॉ

थानाध्यक्ष ने खारिज किया आराेप

राजनगर थानाध्यक्ष अमृत कुमार साह ने ठेले पर लड़की को लादकर भेजे जाने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस के लिए अस्पताल को फोन लगाया गया। लेकिन एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थी।

थानाध्यक्ष से मांगेंगे जानकारी

पुलिस टीम मौके पर पहुंची और लड़की को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। ठेले से भेजे जाने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। इस संबंध में थानाध्यक्ष से जानकारी मांगी जाएगी। -डॉ. सत्यप्रकाश, एसपी।
घटनास्थल पर पुलिस की नहीं की गई तैनाती

बता दें कि जब इस तरह का मामला सामले आता है तो घटनास्थल को घेरा जाता है। जब तक घटनास्थल की जांच पुलिस पदाधिकारी की ओर से नहीं की जाती है, तब तक एक पुलिस कर्मी की तैनाती वहां की जाती है, ताकि सबूत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सके। राजनगर पुलिस ने ऐसा करना उचित नहीं समझा। लड़की को अस्पताल रवाना करने के बाद थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुंचते हैं और महज पांच मिनट तक ही घटनास्थल पर रहने के बाद वहां से रवाना हो जाते हैं। लड़की के होश में आने का इंतजार किया जा रहा है।



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Neither the police nor the jeep sent the girl lying in the bush to the hospital; Half an hour later sent by hand


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