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इंद्रावती नदी पार के 4 गांवों में पहली बार मूंगफली की खेती होगी। वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में यहां के गांवों में मूंगफली की खेती कराने की तैयारी कृषि विज्ञान केंद्र कर रहा है। इसकी शुरुआत से पहले बारिश के बीच उफनती नदी को पार कर केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नारायण साहू के साथ वैज्ञानिकों की टीम इंद्रावती नदी पार गांव पहुंची व ग्रामीणों से बातचीत की। यह पहला मौका रहा जब वैज्ञानिकों का दल बारिश के बीच लगातार दो दिन तक नदी पार धुर नक्सलगढ़ गांव पहुंचा। ग्रामीणों को वैज्ञानिकों ने बीज बांटे व फसल संरक्षण की तरकीब भी बताई।
केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नारायण साहू ने बताया कि जिले के कुछ इलाकों में मूंगफली की खेती तो होती है लेकिन नदी पार के गांवों के लिए यह पहला मौका होगा। जब वे अन्य फसलों के साथ मूंगफली की भी खेती करेंगे। वैज्ञानिक इसकी बारीकियां बताकर इस काम में ग्रामीणों का सहयोग भी करेंगे।
10 हेक्टेयर खेती के लिए 30 किसानों को जोड़ा
दरअसल इन गांवों में कुल्थी, रामतिल, धान सहित अन्य परंपरागत फसलों की खेती होती है। इन सबके साथ ही तुमरीगुंडा, चेरपाल, पाहुरनार, कौरगांव में 10 हेक्टेयर में मूंगफली की भी खेती होगी। इसके लिए इन गांवों के 30 किसानों को जोड़ा जा रहा है। वैज्ञानिकों ने बताया इन किसानों को बीज वितरण किया गया है। इन गांवों में खेती के लिए वैज्ञानिकों का विशेष दल भी बनाया गया है। जिसमें एसके ध्रुव, डिप्रोशन बंजारा, भूजेन्द्र कोठारी, संतराम साहू, समीर पात्रे को शामिल किया गया है।
किसानों ने भी दिखाई रुचि
जब वैज्ञानिकों का दल बीज वितरण व मूंगफली की खेती के लिए प्रोत्साहित करने नदी पार गया तो पहली बार गांव में आए वैज्ञानिकों को देख ग्रामीण काफी खुश हुए। ग्रामीणों ने मूंगफली खेती की भी रुचि दिखाई।
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