झारखंड राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सह पूर्व विधायक माधवलाल सिंह ने झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैजनाथ धाम एवं बासुकीनाथ मंदिर की तरह रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर और चतरा जिले के इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोलने की अपील की है। इस संबंध में न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने पिछले नौ सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट में पीआईएल दर्ज किया है। यह जानकारी एक दिन पूर्व शुक्रवार शाम गोमिया में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी। न्यास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने पीआईएल 7816/ 2020 के आलोक में आदेश पारित करते हुए झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैजनाथ धाम एवं बासुकीनाथ मंदिर को सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए खोलने का आदेश दिया है।
उन्होंने बताया कि झारखंड हाई कोर्ट में दर्ज पीआईएल में इसी तर्ज पर रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर और चतरा जिले के इटखोरी स्थित भद्रकाली मंदिर को भी आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग की गई है। दरअसल, महामारी रोग अधिनियम 1857 के आलोक में झारखंड राज्य महामारी रोग “कोविड-19” अधिनियम 2020 के तहत 20 मार्च को जिले के डीसी संदीप सिंह की अध्यक्षता में हुई आउटब्रेक रिस्पांस कमेटी की बैठक के बाद सिद्धपीठ रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिका मंदिर को अगले आदेश तक आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक का निर्णय लिया गया था। तब से छिन्नमस्तिका मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के बंद है। इस बीच पुजारियों द्वारा माता छिन्नमस्तिका का नियमित पूजा किया जा रहा है।
अनलॉक-0.4 में भी मंदिर खोलने का आदेश नहीं
राज्य सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया में पिछले 28 अगस्त को जारी गाइडलाइंस में भी मंदिर खोलने से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया गया है। जिसके कारण लाखों श्रद्धालु को पूजा करने का अवसर प्राप्त नहीं हो पा रहा है। मंदिर के बंद होने से एक ओर श्रद्धालुओं की आस्था की मंदिर की ओर टकटकी निगाह से खुलने की प्रतीक्षा में है, वही यहां के हजारों दुकानदारों सहित पुजारी, फल फूल और प्रसाद बेचने वाले, नाव चालक और होटल व्यवसायियों के बीच जीवन यापन करने की समस्या खड़ी हो गई है।
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