
राज्य में सरकार के खजाने की स्थिति पर झारखंड चैंबर ऑफ काॅमर्स ने चिंता व्यक्त की है। कहा कि राज्य बनने के प्रारंभिक चार सालों तक सरप्लस बजट के कारण झारखंड की खास पहचान थी लेकिन पिछले दो साल से उत्पन्न वित्तिय संकट चौंकानेवाले हैं। चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी ने कहा कि लाॅकडाउन में छह माह तक उद्योग धंधे बंद थे। जब तक राज्य सरकार प्रोत्साहित नहीं करेगी तब तक प्रदेश में अर्थव्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 10 हजार छोटे-बडे उद्योग बंद पड़े हैं या बंदी के कगार पर हैं। हम नये उद्योग लगाने की बात करते हैं किंतु सरकार को यह समझना होगा कि जब तक पूर्व में स्थापित उद्योग जीवित नहीं होंगे तब तक नए निवेश की संभावनाएं विकसित नहीं होंगी। सरकार प्रदेश में बंद पड़े उद्योगों की जानकारी ले। सरकार की इच्छा हो तो चैंबर सरकार के साथ मिलकर ऐसे उद्योगों का डेटाबेस बनाने को तैयार है। इस प्रयास से बंद पडे उद्योग पुर्नजीर्वित होंगे, जिसका सीधा प्रभाव राज्य के राजस्व संग्रह के साथ ही रोजगार सृजन पर पड़ेगा।
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