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Monday, November 30, 2020

बंगाल से झारखंड के रास्ते काेयला तस्करी में बड़ा खुलासा, फर्जी पैड पर चिपके 20 रु. के नोट के सीरियल नंबर होते हैं पासिंग कोड

बंगाल का काेयला तस्कर अनूप मांझी उर्फ लाला किसी रजिस्टर्ड काेल कंपनी के चालान की जगह फर्जी पैड का इस्तेमाल कर काेयला लदे ट्रकाें काे झारखंड के रास्ते बिहार और यूपी भेजता है। सीबीआई के हाथ एक ऐसा ही पैड (चालान) लगा है। यह फर्जी चालान धनबाद के मुगमा क्षेत्र की एक कंपनी के नाम है। हालांकि सीबीआई काे छानबीन में मुगमा में ऐसी काेई कंपनी नहं मिली। पैड में कंपनी का जीएसटी नंबर 16 डिजिट का है, जबकि वास्तव में यह 15 डिजिट का हाेता है।

खास बात यह है कि इस जाली पैड पर 20 रुपए का एक नाेट चिपका हुआ है। नाेट का सीरियल नंबर काेयला सप्लाई कंपनी के जीएसटी नंबर की जगह अंकित है। पैड में चिपके नाेट ही संबंधित ट्रकाें के पासिंग काेड हाेते हैं। यह नोट ही गारंटी होता है कि कोयला लदा ट्रक लाला सिंडिकेट का है और उसे सुरक्षित पासिंग देनी है। झारखंड में प्रवेश से पूर्व सीमा पर सिंडिकेट मेंबर ट्रक चालकों को नोट चिपका पैड थमाता है। बाद में नोट का सीरियल नंबर उन संबंधित थानेदार समेत संबंधित अधिकारियों को वाॅट्सएप पर भेज दिया जाता है, जहां से ट्रकों को गुजरना है।

झारखंड काे हर माह 2.88 कराेड़ की जीएसटी का नुकसान

लाला झारखंड सरकार काे हर महीने जीएसटी मद में 2.88 कराेड़ की चपत लगाता है। लाल एंड सिंडिकेट हर माह 100 ट्रक झारखंड के रास्ते बिहार और यूपी भेजता है। एक ट्रक में 24 टन कोयला लोड है, जिसका बाजार मूल्य 8 हजार प्रतिटन के हिसाब से 1.92 लाख होता है। झारखंड के ट्रक के प्रवेश पर कोयला सप्लायर या खरीदार को जीएसटी मद में 5% राशि चुकानी पड़ती है। फर्जी पैड से झारखंड सरकार को जीएसटी मद में प्रतिटन 9 हजार 6 सौ की क्षति पहुंच रही है।

सीबीआई ने प्राथमिकी में बताया कई अवैध खदान चला रहा है लाला

सीबीआई ने प्राथमिकी में बताया कि अनूप मांझी उर्फ लाला काफी संख्या में अवैध खदानें चलाता है। उसे ईसीएल जीएम अमित कुमार धर व जयेश चंद्र राय का साथ मिलता है। आरंभिक जांच में भी यह बात सामने आई है कि रानीगंज, पांडेश्वर, कजोरा आदि इलाकों में लाला डंके की चोट पर अवैध खनन करा रहा है। ईसीएल की चालू खदानों के ठीक सामने अवैध ओपेनकास्ट प्रोजेक्ट में लाला पोकलेन, हाइड्रा,जेसीबी समेत अन्य मशीनों से कोयले की कटिंग कराकर उसे बेच रहा है। कोयला काटने के लिए सैकड़ों लोगों को बहाल कर रखा है। इस मामले में लाला को ईसीएल, सीआईएसएफ अधिकारियों का भी साथ मिल रहा है।

एक ही दिन कटते हैं महीने भर के पैड

बंगाल से जितने ट्रकों को झारखंड और झारखंड के रास्ते बिहार-यूपी भेजना होता है, उनका पैड मैथन, चास, जामताड़ा, दुमका, चांडिल में एक ही दिन में काट दिए जाते हैं। कोयले की बुकिंग और खरीदार की तिथिवार सप्लाई की मांग पर झारखंड के सीमा क्षेत्रों में लाला के सिंडिकेट अलग-अलग रूटों के लिए पैड काटते हैं।

झारखंड में 5 रास्तों से गुजरते हैं ट्रक

  • रानीगंज-आसनसोल से झारखंड की सीमा में मैथन-निरसा-गोविंदपुर के रास्ते
  • पुरुलिया-दुबरा होते झारखंड के चास बोकारो के रास्ते।
  • पुरुलिया से भाया चांडिल होते हुए हजारीबाग या रांची के रास्ते
  • बंगाल से जामताड़ा, नाला, गिरिडीह होते हुए चकाई या भागलपुर के रास्ते
  • पांडेश्वर से झारखंड में दुमका के रास्ते।


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जाली पैड पर 20 रुपए का एक नाेट


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