कार्तिक पूर्णिमा पर आस्था का अद्भुत संगम दिखा। हिंदू धर्म को मनाने वालों ने नदी में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना की, तो सिखों ने गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया। जबकि बंगाली व नेपाली समाज के घरों में सत्यनारायण पूजा हुई। उड़िया समाज ने बोइतो बंदणा उत्सव मनाया और मंगल कामना के लिए पानी में नौका बनाकर छोड़ा।
हिंदी पंचांग में कार्तिक पूर्णिमा का खास महत्व है। सोमवार को सुवर्णरेखा नदी घाट पर भक्तों ने स्नान, दीपदान, पूजा, आरती, हवन और दान-पुण्य किया।
शहर के गुरुद्वारों में गुरु नानकदेव जी का 551वां प्रकाश पर्व धूमधाम के साथ मना। इस दौरान अखंड पाठ की समाप्ति के बाद कीर्तन दरबार सजा। इस दौरान कीर्तनी जत्थों ने गुरुनानक जी के उपदेश के बारे मंे संगत को बताया। साथ ही गुरु ग्रंथ साहब के चरणों में सरबत का भले की अरदास की।
गाेलमुरी में नेपाली सेवा समिति परिसर में कार्तिक पूर्णिमा पर नेपाली समाज ने भगवान श्रीश्री सत्यनारायण पूजा की।
बोइतो बंदणा उत्सव पर महिलाओं ने परिवार की मंगल कामना के लिए नदी की बजाय टब में नौका बनाकर छोड़ा।
लाेगाें ने अपने घरों में सत्यनारायण पूजा की और घर-आंगन में आकर्षक रंगोली बना दीपों से सजाया।
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