भाजपा ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव तक के लिए 1000 दिन की कार्ययोजना तैयार कर ली है। इसमें प्रदेश से लेकर मंडल स्तर के मुद्दों पर अलग-अलग आंदोलन होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत तमाम बड़े नेताओं की सभाएं होंगी। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा के छत्तीसगढ़ दौरे से होगी। प्रदेश अध्यक्ष से लेकर हर कार्यकर्ता स्तर के काम की मॉनिटरिंग की जाएगी। 22 जनवरी को जिले स्तर पर होने वाले आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नवीन के फिर आने की तैयारी है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के दो साल पूरे होने के बाद अब भाजपा सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ेगी। हालांकि इसे लेकर भाजपा में ही दो तरह की बातें थीं। एक वर्ग हर छोटे-बड़े मुद्दों पर त्वरित आंदोलन-प्रदर्शन के मूड में था जबकि दूसरा वर्ग किसान, कर्मचारियों, महिलाओं, युवाओं के आंदोलन और उनकी लड़ाई में शामिल होने के पक्ष में था। इसमें और इंतजार करने की बात थी, लेकिन प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी और सह प्रभारी नितिन नवीन ने दूसरे दौरे में ही यह स्पष्ट कर दिया कि भाजपा अब सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी। कोर ग्रुप की बैठक करके एक हजार दिनों की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
रायपुर में चारों विधानसभा में नहीं, सिर्फ एक जगह ही होगा आंदोलन
धान खरीदी में अव्यवस्था और किसानों के मुद्दे पर 13 जनवरी को सभी विधानसभा क्षेत्रों में आंदोलन करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन रायपुर में सिर्फ एक जगह ही आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए सेजबहार रोड पर डूंडा या भनपुरी आदि विकल्प तय किए गए हैं। एक-दो दिन में यह तय किया जाएगा। इसमें दो हजार की भीड़ जुटाने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी मंडलों में बैठकें करने कहा गया है। 22 जनवरी को जिले का आंदोलन बूढ़ा तालाब के पास किया जाएगा। इसमें प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी शामिल हो सकती हैं। इसमें भाजपा ताकत दिखाएगी। प्रदेश के प्रमुख नेता बैलगाड़ी में बैठकर धरनास्थल तक पहुंचेंगे।
एक बूथ 20 यूथ का फॉर्मूला
विपक्षी पार्टी होने के कारण युवा मोर्चा को बड़ी जिम्मेदारी होगी। इसके लिए एक बूथ-20 यूथ का फॉर्मूला तय किया गया है। इसे कमल वाहिनी नाम दिया गया है। युवाओं की फौज को आंदोलन के लिए आगे किया जाएगा। यही वजह है कि ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को मौका देने के लिए 35 वर्ष की अधिकतम उम्र सीमा तय की गई है। इसके बाद किसान और महिला मोर्चा की भूमिका रहेगी। राज्य सरकार पहले दिन से ही किसानों को आगे रखकर काम कर रही है, इसलिए किसानों से जुड़े हर मुद्दे पर लगातार उग्र आंदोलन और प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सौंपा टास्क
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने बताया कि डी. पुरंदेश्वरी और नितिन नवीन को छत्तीसगढ़ का प्रभार देने के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कार्ययोजना के साथ काम करने का टास्क सौंपा है। एक हजार दिन की कार्ययोजना में तय है कि तीन साल के दौरान हमें कब-कब और क्या-क्या करना है। प्रभारियों का मंडल और आखिरी जिले तक प्रवास होना है। कार्यकर्ताओं से सीधी बातचीत करेंगे। इसका उद्देश्य सभी कार्यकर्ताओं को गतिशील करना है। राष्ट्रीय प्रभारी जब कार्यकर्ताओं के साथ रहते हैं तो उनका उत्साह बढ़ता है।
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