
हिंदी मास का बैशाख महीना चल रहा है। इस महीने को प्रचंड गर्मी एवं लू चलने के साथ ही आंधी एवं बारिश के लिए जाना जाता है। यही वजह है कि कोसी के इलाके में बुजुर्ग इस महीने को काल बैशाखी भी कहते हैं। इस वर्ष काल बैशाखी के सीजन में आंधी आने का सिलसिला तो जारी है लेकिन तापमान का पारा अब भी काफी नीचे है और ठंडी पूर्बा बयार बह रही है। जिससे मौसम सुहाना बना हुआ है।
बीते वर्ष 2019 में 30 अप्रैल का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था लेकिन 30 अप्रैल 2020 का अधिकतम तापमान बीते वर्ष की अपेक्षा 11 डिग्री सेल्सियस कम अर्थात 32 डिग्री है। इधर, बीते एक पखवारे से जिले में मौसम की लगातार बेरुखी देखने को मिल रही है। जिसमें फिलहाल सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है। इसको लेकर मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी ताजा पूर्वानुमान के अनुसार जिले में अाने वाले 6 मई तक आंधी व बारिश की संभावना है। जबकि 2 मई तक जिले में आंधी एवं बारिश की चेतावनी दी गई है।
मकई, गेहूं, आम, लीची और सूर्यमुखी को आंधी-बारिश से व्यापक नुकसान
मौसम की बेरुखी की सबसे अधिक किसानों पर मार पड़ी है। जिनका पहले तो मक्का, गेहूं, आम, लीची, सूर्यमुखी, सब्जी के फसल की व्यापक नुकसान हो चुका है। अब किसानों के मूंग, सब्जी जैसे फसलों पर भी खतरा मंडरा रहा है। विभाग ने जिले के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार 2 मई तक जिले के कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछार पड़ने एवं 30 से लेकर 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी आने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार जिले में गुरुवार को अधिकतम 32 एवं न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
पश्चिमी विक्षोभ से हो रही इनदिनाें बारिश
कृषि विश्वविद्यालय सबौर के सहरसा अंतर्गत अगवानपुर स्थित अनुसंधान केन्द्र के कृषि मौसम वैज्ञानिक अशोक पंडित ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्री-मानूसन बारिश शुरू है। इसको लेकर आने वाले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना है। आगामी कुछ दिनों तक बारिश की संभावना को देखते हुए किसान गेहूं की कटाई एवं दौनी के लिए इंतजार करें। वहीं मक्का की फसल में पानी नही लगने दें। खेत के मेढ़ को काट कर पानी निकाल दें। भिंडी की फसल में माईट कीट की लगातार निगरानी करें। अगर कीट की आबादी अधिक है आसमान साफ रहने पर प्रति 04 लीटर पानी में एक मिली स्पिनोसैड 48 ईसी मिलाकर छिड़काव करें। इसके अलावा बढ़ते पशुओं की प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रतिदिन 30 से 40 ग्राम तक खनिज मिश्रण खिलाएं। वहीं वयस्क पशुओं को 50 से 60 ग्राम खनिज मिश्रण खिलाएं। कीट प्रबंधन के लिए किसान को सलाह दी जाती है कि अासमान साफ रहने पर प्रति लीटर पानी में डेढ़ मिली डाईमेथोएट 30 ईसी मिला कर छिड़काव करें।
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