निगम-मंडल और आयोगों में संघर्ष के साथी रहे कांग्रेस के कई नेताओं को उपाध्यक्ष और सदस्य बनाकर पुरस्कृत करने की तैयारी है। इनमें प्रदेशभर के ऐसे नेताओं को महत्व दिया जाएगा जो पिछले 15 साल से लगातार पार्टी के लिए काम करते रहे हैं।
निगम मंडल और आयोगों में अधिकांश नेता किसी न किसी सरकारी उपक्रम के प्रमुख पद के लिए आस लगाए बैठे हैं, लेकिन वरिष्ठता के आधार पर इन नेताओं को पद दिया जा रहा है। इस वजह से सत्ता के लिए संघर्ष में साथ निभाने वाले नेताओं को निराशा होने लगी है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ऐसे अधिकांश नेता सभी सरकारी उपक्रमों में उपाध्यक्ष या सदस्य पद पर एडजस्ट किए जाएंगे ताकि वे पार्टी की मजबूती के लिए काम करते रहे हैं।
ऐसी खबर है कि प्रदेश के लगभग दो से ढाई सौ अधिक नेताओं को अगस्त में ही नियुक्ति की खुशखबरी मिल जाएगी। दरअसल सरकार अभी तक 26 अलग-अलग सरकारी उपक्रमों में नियुक्तियां कर चुकी हैं, जबकि 23 से अधिक उपक्रमों में नियुक्तियां होनी बाकी हैं। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के लॉकडाउन खत्म होते ही 6 या 7 अगस्त को रायपुर आने के संकेत है। पुनिया ने कहा कि परिस्थिति को देखते हुए ही वे छत्तीसगढ़ दौरे पर आएंगे। पुनिया ने साफ कहा है कि निगम-मंडल, आयोग और प्राधिकरणों में नियुक्ति से छूट जाने वाले सक्रिय कार्यकर्ताओं को संगठन में पद देकर उनका उपयोग पार्टी की मजबूती के लिए किया जाएगा।
क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन का रखेंगे ध्यान
पार्टी सूत्रों के मुताबिक नियुक्तियों में क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा जाएगा, जिससे सभी संभागों को पूरी प्राथमिकता मिले। किसी एक क्षेत्र में ज्यादा लोगों को पद न मिले। हालांकि यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो पदाधिकारी व कार्यकर्ता पूरे 15 साल पार्टी की हर गतिविधि में शामिल रहे, उन्हें किसी न किसी जगह एडजस्ट किया जा सके। बाकायदा प्रमुख नेता इसकी निगरानी भी कर रहे हैं।
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