विधानसभा के मानसून सत्र में कोरोना संक्रमण के मद्देनजर दो विधायकों के बीच कांच का फ्रेम रखा जाएगा। तीन या ज्यादा विधायक जिस लाइन में बैठते हैं, उसमें सिर्फ दो ही बैठेंगे। विधायक अपने वाहन से सिर्फ ड्राइवर के साथ परिसर में प्रवेश करेंगे, जबकि पीएसओ व अन्य सहयोगी बाहर रुक जाएंगे। इसी तरह अधिकारी दीर्घा में भी वरिष्ठ अधिकारी ही फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ बैठेंगे। मातहत अधिकारी बाहर ही रोके जाएंगे। इस बार दर्शक दीर्घा नहीं होगी।
कोरोना संक्रमण के बीच 25 अगस्त से शुरू होने वाले मानसून सत्र में सदन का नजारा बदला नजर आएगा। सदन के भीतर सब कुछ सामान्य नहीं होगा, बल्कि दो सदस्यों के बीच कांच का फ्रेम लगा होगा। जिस सोफे पर तीन या चार विधायक बैठते हैं, उसमें दो ही बैठेंगे। इसके लिए जिन विधायकों से जुड़े सवाल होंगे और जिन लोगों ने उससे जुड़े सवाल में हिस्सा लेने के लिए सचिवालय में सूचना दी है, वे ही सदन में बैठेंगे। दरअसल, छत्तीसगढ़ समेत राजधानी में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन मानसून सत्र 26 सितंबर के पहले बुलाना अनिवार्य है। विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत की सरकार से हुई बातचीत के बाद अगस्त के आखिरी सप्ताह में चार दिन का सत्र बुलाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए विधानसभा प्रशासन और सरकार कोई भी ढील नहीं बरतना चाह रही है। विधानसभा की ओर से सभी विधायकों और मंत्रियों को सत्र के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की सूचना भेजी जा रही है। यह भी कहा गया है कि ऐहतियात बरतते हुए ही अपने सभी जरूरी काम निपटाएं।
सत्र के दौरान सदन को हर दिन सेनिटाइज करेंगे : महंत
स्पीकर डाॅ. चरणदास महंत ने सत्र की तैयारियों के लिए रविवार को विधानसभा परिसर और सदन का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर व विधानसभा परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग और केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कोरोना के निर्धारित प्रोटोकाल का पूर्णतः पालन करने के निर्देश दिए हैं। इसी आधार पर सचिवालय सभी जरूरी व्यवस्थाएं करेगा। सत्र के दौरान सदन व परिसर को रोज सेनिटाइज किया जाएगा। इस दौरान उनके साथ विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
कार्यालय परिसर में सिर्फ विधायक ही जा पाएंगे
सत्र के दाैरान विधानसभा परिसर के भीतर विधायक और वाहन चालक को ही प्रवेश की अनुमति होगी। सभी पीएसओ और अन्य सहयोगी स्टॉफ को परिसर के बाहर ही रोक दिया जाएगा। उनके लिए बाहर बैठने की व्यवस्था की जाएगी। कार्यालय परिसर में विधायक को अकेले ही प्रवेश की पात्रता होगी। अधिकारी दीर्घा में दो कुर्सियों को पूरी तरह लॉक कर दिया जाएगा ताकि अधिकारी पास-पास न बैठ पाएं। सिर्फ जवाबदेह अधिकारी को ही सदन के भीतर जाने की अनुमति दी जाएगी। सदन के भीतर जाने के पहले अफसरों को अपने मातहतों से सभी जरूरी जानकारी लेनी होगी। इससे दीर्घा में अधिकारियों की ज्यादा भीड़ नहीं होगी।
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