राजधानी में शुक्रवार को खत्म हो रहा लाॅकडाउन 22 जुलाई से शुरू हुआ और इन 16 दिनों में कोरोना संक्रमण बेतहाशा बढ़ने के बावजूद लोगों ने नियम तोड़ने में कोई कमी नहीं की। इन 6 दिनों में 28 हजार लोगों के खिलाफ मास्क नहीं पहनने पर कार्रवाई की गई, जबकि ऐसे लोगों की संख्या इनसे कई गुना है जो मास्क नहीं पहनने के बावजूद पकड़े नहीं जा सके।
इसी तरह, सख्त मनाही के बावजूद 16 दिन में लगभग एक हजार लोग थूकने और गंदगी फैलाने के आरोप में पकड़े गए। प्रशासन, निगम और पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों का मानना है कि नियमों के उल्लंघन के जितने मामले पकड़े गए, उनसे कई गुना ऐसे लोग हैं जो पकड़े नहीं जा सके हैं। लाॅकडाउन के साथ-साथ शहर में रोजाना औसतन दो सौ कोरोना मरीज रोज निकल रहे हैं, अधिकांश लोगों ने दिनचर्या और जीवनशैली बदल डाली है, इसके बावजूद कई लोग ऐसे हैं जिनकी वजह से खतरा और बढ़ने की आशंका है।
लापरवाही की ये कीमत
- मास्क नहीं पहनने वाले 27 लाख
- थूकने गंदगी फैलाने वाले 1.20 लाख
- फिजिकल दूरी नहीं 3.34 लाख
- बंद में दुकान खोलीं 2.17 लाख
- कुल जुर्माना 34 लाख
नियम तोड़नेवालों पर और सख्ती की जाएगी। हमारा उद्देश्य फाइन वसूलना नहीं है। हम चाहते हैं कि लोग मिलकर मास्क पहनें और सावधानी बरतकर शहर को सुरक्षित बनाएं। पुलक भट्टाचार्य, अपर आयुक्त, नगर निगम
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