आज फ्रेंडशिप डे है और हम गीदम के 11 दोस्तों की कहानी बता रहे हैं, जिन्होंने खिचड़ी बांटकर सेवा काम की शुरुआत की थी। काम होते देख लोगों ने तंज भी कसे, काम प्रभावित करने की कोशिश की।
किसी ने दोस्तों के बीच में दरार डालने तक का भी प्रयास किया। लेकिन इन दोस्तों ने एक दूसरे का हौसला कम नहीं होने दिया और न ही साथ छोड़ा। 8 साल पहले जब जरूरतमंदों-गरीबों को सामान बांटना शुरू किया था। लगातार सेवा काम होता देख लोग इतने प्रभावित हुए कि 8 सालों में 700 लोग इनसे जुड़कर सदस्य बन गए। इस टीम का नाम दिया साईं सेवा ग्रुप। समिति के सदस्य आज सिर्फ खिचड़ी ही नहीं बांट रहे हैं। अब ये लोग चंदा जमा कर गरीब लोगों का इलाज कराना, अनाथ बच्चों को स्कूलों में भर्ती करना जैसे अन्य सामाजिक काम कर रहे हैं।
इन दोस्तों ने की थी सेवा की शुरुआत
शुरुआत में रविश सुराना, ओम प्रकाश कश्यप, आलोक ठाकुर, दिलीप बरड़िया, जितेंद्र देवांगन, प्रकाश राठी, हृदयकांत ठाकुर, राघवेंद्र बघेल, सुरेश फुटाने, रामबाबू गुप्ता, पीयूष जैन इन दोस्तों की टीम ने शुरुआत की थी। अब गणेश पिल्लई, सूरज ठाकुर, पूनम सिंह, सरिता जैन, प्रभा यालम, विवेक सिंह, सोनू जैन सहित कई लोग जुड़कर काम कर रहे।
10 रुपए में भरपेट खाना खिला रहे
समिति गरीब बीमार की मदद के लिए चंदा कर इलाज कराना, 5 अनाथ बच्चों के परिजन बने, उन्हें आस्था स्कूल में भर्ती कराया, गीदम अस्पताल में 10 रुपए में भरपेट खाना के लिए केंटीन की शुरुआत की। इन कामों से लोगों के बीच इस टीम ने अच्छी छवि बनाई। आज कई लोग इस टीम से जुड़े हैं। सेवा के काम के लिए इनकी टीम सम्मानित भी हो चुकी है।
एकजुटता से ही सेवा में आगे बढ़ रहे
साईं समिति के अध्यक्ष रविश सुराना ने कहा कि शुरू से हम दोस्तों के बीच समाज सेवा का जुनून था। जब हमने ग्रुप तैयार नहीं किया था तब भी लोगों की मदद के लिए हम दोस्तों की टीम आगे रहती थी। हमने तय किया कि इस काम को साईं के नाम से आगे बढ़ाया जाए। शुरुआती दौर में समस्याएं बहुत आईं। यह सफलता पूरी टीम की मेहनत का परिणाम है।
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