मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के द्वितीय चरण में मलेरिया जांच टीमों द्वारा जब केशकाल ब्लॉक के ग्राम कोटोड़ी का निरीक्षण किया गया तो जांच के नतीजे जानकर सभी अचंभित रह गए।
इस गांव के रहने वाले 210 लोगों की जांच करने पर इसमें 66 लोग मलेरिया से पीड़ित मिले। जैसे ही इसकी जानकारी कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा को लगी उन्होंने तुरंत एक जांच दल का गठन कर ग्राम कोटोड़ी में मलेरिया ग्रसित लोगों के इतनी अधिक संख्या होने के कारणों का पता लगाने एवं लोगों का उपचार जल्द से जल्द कराने के लिए भेजने के निर्देश दिए।
जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी टीआर कुंवर, नोडल मलेरिया अधिकारी एस टोप्पो एवं जिला आयुष स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी चंद्रभान वर्मा के साथ केशकाल के पहुंचविहीन ग्राम पहुंचे। इस दल द्वारा ग्राम के घर-घर में जाकर वहां की साफ-सफाई, घर के आस-पास पानी के जमाव के स्रोतों आदि की जांच की।
आयुष डॉक्टर ने कहा- भुंई नीम का काढ़ा पीएं
गांव में मलेरिया की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ही आयुष विभाग के डाक्टर भी पहुंचे थे। इस मौके पर जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ चंद्रभान वर्मा ने ग्रामीणों को भुई नीम के काढ़े, तुलसी एवं गिलोय का प्रयोग रोजाना करने कहा। उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचने के लिए मॉस्कीटो क्वायल और नीम का धुआं करें। इसका फायदा जरूर मिलेगा। इस दौरान ग्राम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धनोरा डॉ मनीष मंडावी समेत अन्य कर्मचारी भी उपस्थित थे।
जांच टीम भेजी है जो कारणों का पता लगाएगी: कलेक्टर
इस संबंध में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि जिला प्रशासन का लक्ष्य मलेरिया का पूरी तरह उन्मूलन करना है। जांच के दौरान संक्रमितों की संख्या अधिक मिलने पर कारणों के जांच के लिए जांच दल भेजा गया है जो कारणों का पता लगाएगा। सभी मरीजों को दवा देकर सभी घरों में दवाई का छिड़काव एवं पानी के जमाव स्थलों का की पहचान की जा रही है।
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