जिले के 197 गोठानों से 20 जुलाई से लेकर 1 अगस्त तक की अवधि में 2031 क्विंटल गोबर खरीदा गया था। गोबर बेचने वाले 2177 पशु पालकों को गोबर बिक्री का पहला 4.62 लाख का भुगतान आज 5 अगस्त को होगा। शासन ने गोबर खरीदी का भुगतान 15 दिनों में करना अनिवार्य किया है।
कलेक्टर कांकेर केएल चौहान ने बताया 5 अगस्त को सभी 2177 गोबर विक्रेताओं का 2 रूपए प्रति किलो की दर से बैंक खाते में ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा। जिले में गोबर खरीदी के नोडल अधिकारी सीईओ जिला पंचायत डा संजय कन्नौजे ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी 7 विकासखंडों के जनपद सीईओ, उपसंचालक कृषि, उपसंचालक पशुविभाग, सहकारिता बैंक के मैनेजर व ब्लॉक स्तर के अफसरों की बैठक कर अभी तक खरीदे गए गोबर के 2177 विक्रताओं को 5 अगस्त तक अनिवार्य रूप से भुगतान करने कहा है। सभी गोबर विक्रताओं का निर्धारित प्रारूप में फार्म भरकर सहकारी बैंक में 100 प्रतिशत पंजीयन करने कहा गया है। गोठानों में गोबर खरीदी का समय 9 से 12 किया जाएगा जिसका बैनर सभी गोठानों में लगाने कहा गया। गोबर खरीदी के समय ग्राम पंचायत के सचिव को स्वयं उपस्थित रहना होगा। सभी गोठानों के लिये 1 नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है। नोडल अधिकारी गोठानों में वर्मी टाका का निर्माण, वर्मी कपोस्ट खाद व गोबर खरीदी की सपूर्ण व्यवस्था की मॉनीटरिंग करेंगे ताकि जिले के सभी 197 गोठानों में गोबर खरीदी सुचारू रूप से हो सके।
गोबर को बारिश से बचाने ढंकेंगे पॉलिथीन
खरीदे गए गोबर को बरसात के पानी से बचाकर रखने उस पॉलिथीन ढक कर रखने कहा गया। गोबर 15-20 दिन पश्चात थोड़ा सूखा व गैस निकल जाने के पश्चात् स्वसहायता महिला समूह के माध्यम से वर्मी टांका में डालकर वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने का कार्य चालू किया जाएगा। प्रत्येक वर्मी टांका में कितना केंचुआ लगेगा उसकी डिमांड 4-5 दिन पहले कृषि विभाग को बताना होगा।
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