राजधानी में अब कोरोना जांच के लिए अलग-अलग इलाकों में रोजाना शिविर लगाकर एक हजार सैंपल लेने का लक्ष्य है। शहर के अलग-अलग हिस्से में दो पालियों में ये शिविर लगेंगे। हर पाली में पांच-पांच सौ सैंपल लिए जाएंगे। इनमें अस्पतालों में लिए जाने वाले सैंपल शामिल नहीं हैं। शहर में 8 जुलाई से शिविर लग रहे हैं, जिसमें 3 अगस्त तक 7603 से ज्यादा सैंपल लिए गए। राहत की बात ये है कि इनमें सिर्फ 3.47 प्रतिशत यानी 264 लोग ही कोरोना संक्रमित मिले। जबकि 5178 लोग कोरोना संक्रमण से निगेटिव पाए गये हैं।
शहर में पुरानी जनगणना के आधिकारिक आंकड़े और इसके बाद से करीब 24 लाख की आबादी के बीच में कोरोना नियंत्रण का काम मार्च से चल रहा है। मेयर एजाज ढेबर के मुताबिक जांच का दायरा बढा़ने से स्थिति में और भी ज्यादा सुधार होगा। फिलहाल शहर में कोरोना की जांच तीन स्तरों पर हो रही है। इसमें विशेष जांच शिविरों के अतिरिक्त तय किए गये सरकारी निजी अस्पतालों में सैंपल लेने और जांच का काम चल रहा है। हर दिन मिल रहे पॉजिटिव की कांटेक्ट ट्रेसिंग के माध्यम से संदिग्धों की तलाश के लिए 35 टीमें सैंपल लेने का काम कर रही है। हर टीम में तीन के हिसाब से 105 लोग इस काम को अंजाम दे रहे हैं। इस टीम का फोकस कम्युनिटी ट्रांसफर से शहर को बचाने का है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी समेत प्रदेश में मरीज तो बढ़ रहे हैं, लेकिन ये कम्युनिटी स्प्रेड नहीं है। मरीजों के संपर्क में आने से लोग लगातार संक्रमित हो रहे हैं।
दस लाख में 334 मरीज
प्रदेश में अब हर दस लाख व्यक्तियों में से 334 को कोरोना हो रहा है। करीब साढे तीन लाख की जांच में केवल 2.93 यानी 3 प्रतिशत ही कोरोना मरीज मिले है। 26 जुलाई से 2 अगस्त के बीच के सात दिन में पहली बार इंफेक्शन की ग्रोथ रेट में 4 प्रतिशत से 0.3 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज हुई है। ग्रोथ रेट इन सात दिन में पहली बार 3.7 पर आई है।
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