लगातार दो हफ्ते के लॉकडाउन के बाद अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि लाॅकडाउन आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। राजधानी के लोगों तथा प्रशासनिक हल्के में ये चर्चाएं जरूर हैं कि लाॅकडाउन 14 अगस्त कर बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अब तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं। राजधानी में कोरोना के मरीज भी पिछले तीन दिन से 24 घंटे में सौ से कम निकल रहे हैं। सैंपल टेस्ट बढ़ गए हैं, कोविड सेंटरों के जरिए बेड भी बढ़ा दिए गए हैं। इसलिए स्थानीय तौर पर विचार शुरू हो गया है कि रायपुर और बीरगांव को मिलाकर राजधानी में लाॅकडाउन आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। व्यापारिक संगठनों ने भी इशारा किया है कि राजधानी में 7 अगस्त से बाजार खुल सकते हैं, लेकिन इस बार टाइमिंग और नियमों को लेकर प्रशासन का रवैया सख्त रहेगा।
प्रशासन के अफसरों ने बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद सबसे ज्यादा मास्क और सोशल डिस्टेसिंग पर फोकस किया जाएगा। जोन अफसरों की टीम बाजारों में हर दिन जाकर इस बात की जांच करेगी कि दुकानों में कारोबारी और वहां पहुंचने वाले लोग सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। इसके अलावा पुलिस सड़कों पर बिना मास्क पहनने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करेगी। प्रशासन ने साफ कर दिया है बिना मास्क के घूमने वाले लोगों से 100 रुपए का जुर्माना वसूल किया जाएगा। लोग सड़कों पर बिना मास्क के नहीं घूम सकेंगे। इस नियम का विरोध करने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर के भी निर्देश दे दिए गए हैं।
बाजारों पर दो प्रस्ताव : पहला 5 और दूसरा 7 बजे बंद करने का
सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन खत्म होने के बाद बाजार किस तरह से खोले जाएं, इसे लेकर प्रशासन ने दो प्रस्ताव तैयार किए हैं। पहला प्रस्ताव यह है कि बाजार यानी सभी दुकानें शाम 5 बजे बंद कर दी जाएं और शाम 7 बजे से ही शहर में कर्फ्यू लागू कर दिया जाए। दूसरा, बाजार शाम 7 बजे बंद किए जाएं और रात का कर्फ्यू रात 9 बजे से लागू कर दिया जाएगा। इन दोनों प्रस्तावों के साथ ही प्रशासन के आला अफसर छत्तीसगढ़ कैट, चैंबर समेत सभी बड़े व्यापारिक संगठनों से बात करेंगे। यह बैठक एक-दो दिन में बुला ली जाएगी। व्यापारिक संगठनों की सहमति लेने के बाद ही दोनों में से एक प्रस्ताव को लागू किया जाएगा। हालांकि कारोबारी संगठन पहले भी बोल चुके हैं बाजार शाम 7 या उससे पहले बंद किए जा सकते हैं। ऐसे में दूसरा प्रस्ताव सबकी सहमति से लागू होने की संभावना ज्यादा है, अर्थात सूर्यास्त होते-होते तक शहर की दुकानें बंद होने लगेंगी। गौरतलब है कि इससे पहले भी जब बाजार को रात 9 बजे तक खुलने की छूट दी गई थी तब 7 बजे के बाद ग्राहकी नहीं होने की बात सामने आई थी। उस समय व्यापारियों ने ये तय किया कि 9 बजे के बजाय 7 बजे तक ही दुकानों को खोलने की छूट दी जाए। इससे तय समय में व्यापारी कारोबार भी कर लेंगे और लोगों को 7 बजे के बाद अपने घरों में चले जाने का मौका मिलेगा।
उस समय व्यापारियों की मांग पर शाम 7 बजे तक ही बाजारों को खोलने की छूट दी गई थी।
नहीं खुलेंगे स्कूल-कालेज, मल्टीप्लेक्सजिम व ई-पास को लेकर ही संभावनाएं
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त से जिम खोलने के आदेश दे दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस पर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है। इसलिए अभी संशय है कि रायपुर के जिम 5 अगस्त से खुलेंगे या नहीं। इसके अलावा पुरानी गाइडलाइन के अनुसार मल्टीप्लेक्स, टॉकीज, स्कूल, कॉलेज, ऑडिटोरियम पहले की तरह ही बंद रहेंगे। हालांकि ई-पास की अनिवार्यता को लेकर भी नई गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस नियम पर फैसला करने का अधिकार राज्य सरकार को दे दिया है। अभी यह तय नहीं है कि राजधानी से छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों में जाने और राज्य के बाहर जाने के लिए ई-पास की अनिवार्यता लागू रहेगी या नहीं। लेकिन जानकारों का कहना है कि राज्य सरकार इस नियम को अगले आदेश तक लागू रख सकती है।
व्यापारियों ने बढ़ाया दबाव
लॉकडाउन में बकरीद और राखी जैसे बड़े त्योहार में कारोबार नहीं होने से नाराज व्यापारियों ने प्रशासन पर पहले से ही दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि लॉकडाउन नहीं बढ़ाना चाहिए। बाजार खोलने के लिए भले ही पुराने सिस्टम को लागू किया जा सकता है। बाजार खोलने के बाद ही व्यापारी इन त्योहारों में हुए नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करेंगे। त्योहारों में हुए आर्थिक नुकसान को सामान्य दिनों में कारोबार कर पूरा किया जाएगा। इससे जरूरी खर्चे पूरे हो सकेंगे।
400से ज्यादा कंटेनमेंट जोन
राजधानी में 30 जुलाई तक 365 एक्टिव कंटेनमेंट जोन काम कर रहे थे। 1 और 2 अगस्त को कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद इसकी संख्या 400 के पार हो गई है। अफसरों ने साफ कर दिया है कि जिले में जहां-जहां भी कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं वहां किसी भी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। यानी कंटेनमेंट जोन के एक्टिव रहने तक सभी तरह की गतिविधियां बंद रहेंगी, बाजार नहीं खुलेंगे। कंटेनमेंट जोन में सख्ती के लिए पुलिस जवानों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
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