जिले में शनिवार को सैंपल जांच के क्रम में 29 नए संक्रमित मिले हैं। जिसमें सबसे ज्यादा गोला प्रखंड में 24 संक्रमित मिले हैं। वहीं पतरातू प्रखंड के एक और रामगढ़ शहरी क्षेत्र के चार संक्रमित मिले हैं। गोला प्रखंड में मिलनेवाले संक्रमितों में 13 पुलिसकर्मी शामिल हैं। वहीं सीसीएल में कार्यरत एक ही परिवार के पांच सदस्यों के अलावे छह अन्य शामिल हैं। रामगढ़ शहरी क्षेत्र के संक्रमितों में तीन सैन्य छावनी के हैं। वहीं एक संक्रमित पूर्व से ही भुचंगडीह कोविड सेंटर में इलाजरत है।
कोविड-19 स्पेशल हॉस्पीटल में जांच के दौरान शनिवार को 12 संक्रमितों के रिर्पोट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई। सभी मरीजों को सात दिनों तक घर में होम कोरोंटाइन रहने का निर्देश दिया है।जिनका जिला प्रशासन द्वारा नियमित रूप से मॉनीटरिंग किया जाएगा। वहीं अस्पताल से छुट्टी दिये जाने के बाद सभी लोगों को यह निर्देश दिया गया है कि कोरोना संबंधित किसी प्रकार का लक्षण दिखने पर वे तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करेंगे।
जिले में 241 एक्टिव केस सबसे ज्यादा रामगढ़ के
कोरोना को लेकर अबतक स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 10891 लोगों का सैंपल जांच किया गया है। जिसमें 9820 लोगों का जांच रिर्पोट निगेटिव है। कुल संक्रमितों की संख्या 583 है। जिसमें 338 मरीज इलाज के दौरान ठीक हो चुके हैं। अभी वर्तमान में यहां 241 केस एक्टिव हैं। जबकि कोरोना से अबतक चार लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा संक्रमित रामगढ़ शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में 116 हैं।
पुंडी में आने वाले लोगों की जानकारी ली गई
डीसी संदीप सिंह के निर्देशानुसार जिले में ऐसे स्थान जहां कोरोना संक्रमित मिलने के बाद कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। ऐसे स्थानों में रहनेवालों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच की जा रही है। शनिवार को मांडू प्रखंड के पुंडी पंचायत स्थित कंटेनमेंट जोन में रहनेवालों का स्क्रीनिंग किया गया। साथ ही बाहर से आनेवाले प्रवासियों की जानकारी भी ली गई।
सीएस से कार्रवाई की मांग: सदर की सफाई में लापरवाही का आरोप
भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष नीरज प्रताप सिंह ने महामारी के दौरान सदर अस्पताल परिसर की सफाई व्यवस्था पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि आज पूरा विश्व काेरोना से ग्रसित है, वहीं अस्पताल प्रबंधन सफाई के प्रति लापरवाह है। अस्पताल परिसर गंदगी फैली हुई है। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। मेडिकल वेस्ट का निष्पादन करना जरूरी है। इसके बावजूद संक्रमण से बचाव के लिए उपयोग किये जा रहे पीपीई किट, ग्लब्स व मेडिकल वेस्ट खुलेआम फेंका गया है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के कार्यशैली पर असंतोष जताया।
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