जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक ओर प्रशासन लगातार हॉस्पिटल और क्वारैंटाइन सेंटर खोलने में लगा है। वहीं दूसरी ओर शहर में कोरोना का पता लगाने के लिए अब डोर-टू-डोर सर्वे भी शुरू कर दिया गया है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि जिले में कितने लोग संक्रमित और कितने कोरोना के संदिग्ध मरीज हैं। ऐसे लोगों को संक्रमण का कारण क्या रहा।
इस आधार पर कोरोना को लेकर प्लान तैयार किया जाएगा। नगर निगम आयुक्त प्रेम कुमार पटेल ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारणों का पता लगाने के लिए गठित की गई है । उन्होंने बताया कि सर्वे करने वाली टीम हर घर से फॉर्म भरवाएगी, जिसमें परिवार के लोगों की संख्या नोट करने के साथ ही उन्हें यह भी बताएगी कि घर से तभी निकले जब बहुत जरूरी हो, कहीं पर जाएं तो मास्क जरूर लगाएं साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी करें। यदि परिवार में किसी व्यक्ति को बुखार, बदन दर्द, खांसी या जुकाम हो तो तुरंत कोरोना की जांच कराएं और हेल्थ विभाग या फिर कोरोना आपदा नियंत्रण केंद्र में फोन कर जानकारी दें, जिससे जल्द से जल्द इलाज शुरू किया जा सके। इसके साथ ही ऐसे व्यक्ति से सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखे।
आयुक्त ने बताया कि सर्वे में जिस व्यक्ति को साधारण जुकाम-बुखार और खांसी भी होगा तो भी स्वास्थ्य विभाग की टीम ऐसे व्यक्तियों पर विशेष निगाह रखेगी, जिससे जरूरत होने पर उसे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी गंभीर या सामान्य बीमार व्यक्ति का इलाज करने से इनकार ना करें। यदि ऐसा मामला सामने आया तो प्रशासन की ओर से कड़ी कारवाई की जाएगी। आयुक्त ने बताया कि यह अभियान 5 अगस्त से शुरू किया जाएगा।
अभियान से जुड़े कर्मचारी जांच रिपोर्ट तैयार इसे नगर निगम को 11अगस्त को सौंपेंगे । इससे पहले मंगलवार अगस्त को इसका प्रशिक्षण कर्मचारियों को वीर सावरकर भवन में दिया जाएगा । सर्वे के दौरान एक वार्ड में पांच से सात कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है।
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