निजी स्कूलों के संचालक शासन से मिलने वाली पुस्तकें अभी तक नहीं मिलने की शिकायत कलेक्टर से करने पहुंचे। निजी स्कूलों के संचालकों तथा प्राचार्यों ने 7 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन कलेक्टर को सौंपते कहा कि गत माह 5 जुलाई को भी ज्ञापन सौंपा गया था लेकिन उनकी एक भी मांग पूरी नहीं हो पाई। इस बार सौंपे ज्ञापन में प्रमुख रूप से शासन की ओर से पहली से लेकर दसवीं तक के छात्रों को मिलने वाली पाठ्य पुस्तकें अभी तक नहीं मिलने की शिकायत है। पुस्तकें नहीं मिलने से छात्रों को पढ़ाई में परेशानी हो रही है। स्कूल संचालकों ने कहा बेहद विषम परिस्थितियों में वे स्कूलों का संचालन करते हैं लेकिन कुछ पालक तथा अन्य लोग उनके स्कूलों की फर्जी शिकायत करते हैं। फर्जी शिकायतों को आधार मानकर जांच कराई जाती है जिससे उन्हें मानसिक परेशानी होती है।
निजी स्कूल संचालकों ने यह भी कहा सत्र 2018-19 तथा 2019-20 का आरटीई का भुगतान अब तक शासन से स्कूलों को नहीं मिल पाया है। शिकायत करने पहुंचे निजी स्कूल संघ अध्यक्ष दिलीप घोडख़ांदे ने कहा आए दिन निजी स्कूलों के खिलाफ फर्जी शिकायतें की जा रही है। जांच के बाद शिकायत को गलत पाया जाता है। संघ की मांग है कि एेसे फर्जी शिकायत करने वालों के खिलाफ भी प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए ताकि इस तरह की गलत प्रवृत्ति पर रोक लग सके। ज्ञापन सौंपने उमेश साहू, शेरसिंह, चैनसिंह बघेल, बीएस साहू, अमोल बेदरकर आदि पहुंचे थे।
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