
उपायुक्त सुशांत गौरव की अध्यक्षता में आईसीपीएस, बाल कल्याण, बाल सुधार गृह, बाल तस्करी,पोस्को एक्ट, बाल मजदूरी से संबंधित समीक्षा बैठक की गई। सभी विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी लेते हुए उपायुक्त ने महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। पोस्को एक्ट 2012 के अन्तर्गत बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न और यौन शोषण जैसे जघन अपराध किसी भी थाना में दर्ज हो सकता है। यह केस कोई भी सामान्य व्यक्ति सीडब्लूसी में ला सकते हैं। जिसपर सीडब्लूसी के द्वारा आवश्यक कार्रवाई करते हुए उन्हे आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
डीसी ने कहा कि सिमडेगा जिला में इस तरह के 25 केस थे, जिसमें 22 केस का निष्पादन हो गया है। वर्तमान में उनकी सामाजिक स्थिति की जांच करने का निर्देश जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को दिया गया। एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मुख्य उद्देश्य बन्धुआ मजदूर,बाल श्रम पर अंकुश लगाना है। जिसका जिले के सभी थानों में फ्लैक्स होर्डिंग हिन्दी एवं स्थानीय भाषा में लगाकर प्रचार-प्रसार किया जाए। थाना प्रभारी को 2012 से अबतक के सभी मामलों की सूची तैयार कर सभी कार्यपालक दण्डाधिकारी को देने का निर्देश दिया गया। वहीं समाज कल्याण पदाधिकारी को प्रत्येक सप्ताह थाना में जाकर केस की जानकारी के साथ-साथ पीड़ित से मिलने का निर्देश दिया गया।
मानव तस्कर में लिप्त व्यक्ति के नाम प्रचार-प्रसार करें
सी ने कहा कि मानव तस्करी में लिप्त व्यक्ति के नाम का प्रचार-प्रसार करना है ताकि लोग उसे देखते हुए जिला नियंत्रण कक्ष को सूचित कर सके। बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया। बाल सम्प्रेषण गृह के बच्चों का कौशल विकास फिलहाल ऑनलाइन कराया जाए। बच्चों के सम्प्रेषण गृह में आते ही उनकी रुचि के अनुसार प्लान तैयार कर उन्हे प्रशिक्षित कराने की बात कही गई। श्रम अधीक्षक को बाल मजदूरों के परिवार का पंजीकरण करते हुए सरकार के द्वारा दिये जाने वाले लाभों से आच्छादित करने का निर्देश दिया। कार्यपालक अभियंता भवन प्रमण्डल को संबंधित थाना की मरम्मति करते हुए चाहर दिवारी का निर्माण कराने को कहा गया। बैठक में कई अधिकारी उपस्थित थे।
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