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Saturday, August 1, 2020

गैरआदिवासी की जमीन पेसा कानून से बाहर हो

परलकोट इलाके के गैर आदिवासियों ने पखांजूर एसडीएम के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंप पेसा कानून के तहत जीपीएस मशीन से किए जा रहे सीमा के चिन्हांकन पर आपत्ति जताई। इसके साथ ही गैर आदिवासियों की जमीन को पेसा कानून से अलग करने की मांग की है। यह आवदेन परलकोट किसान संघ की ओर से प्रशासन को दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि परलकोट क्षेत्र के 52 पंचायतों में जीपीएस मशीन से जो सीमांकन किया जा रहा है उसका समर्थन करते हैं लेकिन कुछ शर्तो के साथ। यहां पिछले 45 सालों से सामान्य वर्ग के लोग काबिज हैं और इसी पर आश्रित हैं। लेकिन वनाधिकार अधिनियम 2006-07 के चलते गैर आदिवासी वर्ग को वनाधिकार पट्टा से वंचित होना पड़ा। अब गैर आदिवासियों की जमीन सुरक्षित नहीं है। इसके संरक्षण के लिए परलकोट के गैर आदिवासी द्वारा काबिज जमीन को पेसा कानून से अलग कर जीपीएस नक्शा तैयार किया जाए। गैर आदिवासी की कब्जे वाली जमीन की सुरक्षा के लिए उचित व्यस्था की जाए। आवेदनकर्ताओं ने कहा है कि उनकी मांगों पर तत्काल निर्णय लिया जाए ताकि इलाके में सभी वर्गो में भाईचारा बने रहे तथा लोग अपना जीवन यापन खुशी से कर सकें। मांग करने वालों में किसान संघ के अघ्यक्ष पति राम मंडल, मुख्य संचालक पवित्र घोष, विश्वजीत देवनाथ, केनाराम मण्डल, बुद्ददेव सरकार, रंजीत मंडल, राधाकांत, प्रसन्नजित आदि उपस्थित थे।



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Non-resident's land should be out of the money law


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