कोरोना वायरस के चलते इस बार गणेशोत्सव भी फीकी रहनी वाली है। शुक्रवार को जनपद सभाकक्ष में एसडीएम प्रेमलता मंडावी की अध्यक्षता में बैठक कर समिति सदस्यों व नागरिकों को शासन के गाइडलाइन की जानकारी दी गई। बताया गया कि प्रतिमा स्थल पर यदि कोई संक्रमित हुआ तो इलाज का खर्च प्रतिमा स्थापित करने वाला व्यक्ति या समिति वहन करेगी।
एसडीएम ने कहा कि संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम लिए गणेशोत्सव में मूर्ति की ऊंचाई एवं चौड़ाई 4 फीट से अधिक नहीं होगी। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार भी 15 फीट से अधिक नहीं होना चाहिए। गणेश पंडाल एवं सामने 5000 वर्गफीट की खुली जगह में कोई भी सड़क या गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक नहीं होना चाहिए।
पंडाल में 4 सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य
मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति या समिति द्वारा 4 सीसीटीवी लगाया जाएगा, ताकि कोई भी व्यक्ति कोरोना संक्रमित होने पर कांन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। तहसीलदार आनंदराम नेताम ने कहा कि कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो पूजा तत्काल समाप्त करनी होगी। भोज, भंडारा जगराता या सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र, डीजे बजाने की अनुमति भी नहीं होगी। निर्देश के उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में एसडीओपी अमोलक सिंह ढिल्लो, बीरेंद्र सिंह ठाकुर, थाना प्रभारी शशिकला उइके, सीएमओ ललित साहू, पार्षद, समिति के सदस्य व नागरिक उपस्थित थे।
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