कोरेना संक्रमण के इस काल में स्कूली बच्चों को शिक्षा की कड़ी से जोड़े रखने एवं समझ विकसित करने के लिए मिशन कौतूहल की शुरुआत की गई है। एसडीएम (आईएएस ) रोहित व्यास की पहल पर इस मिशन की शुरुआत की गई है. जिसमें अब रटंत पद्धति से हटकर, अनुपयोगी और बेकार पड़ी वस्तुओं से प्रयोगात्मक शिक्षा के नये आयाम गढ़े जाएंगे। हाल ही में एजुकेशन विभाग की बैठक लेकर एसडीएम श्री व्यास ने इस मिशन में प्रयोगिक शिक्षा पर जोर दिया है. उन्होंने बैठक में मौजूद सीएसी को साइंस पर प्रयोगात्मक चेप्टर तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसे टीचर्स और स्टूडेंट्स के बीच प्रदर्शित किया जाना है. बेहतर प्रदर्शन के वीडियो क्लिप भी बनाये जायेंगे। इन वीडियो क्लिप को एजुकेशन विभाग के वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जिसका लाभ राज्य के अन्य टीचर्स और स्टूडेंट्स भी उठा पाएंगे।
क्या है मिशन कौतूहल
- बाल केन्द्रित शिक्षण द्वारा बालक को सीखने के पर्याप्त आवसर प्रदान करना।
- गतिविधि आधारित शिक्षण द्वारा शिक्षण-अधिगम को रूचिकर व आनंददायी बनाना।
- ज्ञान को स्थायी एवं प्रभावी बनाते हुए प्राथमिक शिक्षा की नींव मजबूत करना।
- बच्चो में सृजनात्मकता एवं मौलिक चिंतन का विकास करना।
- बच्चों के स्तर के अनुरूप शिक्षण योजना अनुसार शिक्षण कार्य करते हुए शैक्षणिक प्रगति लाना।
- छात्रों में संज्ञानात्मक एवं व्यक्तित्व विकास के अवसर प्रदान करना।
- बालक के गुणात्मक विकास के साथ-साथ नामांकन एवं ठहराव में वृद्धि करना।
- बच्चों की प्रगति को अभिभावकों के साथ साझा करना।
- बेकार और अनुपयोगी वस्तुओं के प्रयोग से बच्चों को अध्यापन कराना।
- बहरहाल बगीचा शिक्षा विभाग मिशन कौतूहल को सफल बनाने व्यापक तैयारी कर रही है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3molqX5
No comments:
Post a Comment