जिला पुलिस का काम करने का तरीका अब बदलने वाला है। शहर में रहने वाले हर एक व्यक्ति का विवरण संबंधित थाना के पास होगा। आवासीय क्षेत्र के साथ-साथ बाजार में दुकानदारों का भी विवरण पुलिस अपने पास रखेगी। इसको लेकर एसएसपी डॉ. एम तमिल वाणन व सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट ने शहर के 17 थानों में कुल 127 बीट पुलिसिंग का गठन किया है। हर बीट में एक दारोगा या फिर एएसआई रैंक के पदाधिकारी के साथ-साथ तीन जवानोंं को तैनात किया है। हर बीट में शामिल पुलिसकर्मी रोजाना एरिया में पैदल घूम-घूमकर दुकानों व आवासीय क्षेत्र में रहने वालों का आंकड़ा तैयार कर रहे हैं।
घर का मुखिया कौन है, परिवार में कितने सदस्य हैं, कौन क्या काम करता है, किसी का अपराधिक इतिहास तो नहीं है, अपराधी घर पर है या फरार.. आदि का ब्यौरा इकट्ठा करेगी। बीट के लिए तैयार बुक में उक्त आंकड़े को भरने का काम किया जा रहा है। यह रिपोर्ट तैयार कर रही है कि बाजार में कौन-कौन सी गली में किन-किन दुकान में कैमरा लगा है। आवासीय में किन घरों में कैमरा लगा है।
बीट पुलिसिंग के लाभ
- पुलिस व जनता के बीच का संबंध बेहतर होगा
- पुलिस की सड़कों पर उपस्थिति अधिक समय तक होगी
- पुलिस का सूचना तंत्र और अधिक मजबूत होगा
- अपराध नियंत्रण व कांड के उद्भेदन में मदद मिलेगी
पुलिस के पास रहेगा सभी का डाटा
अपराध कम करने, पुलिस के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाने व हर एरिया में कौन-कौन रहता है और क्या कारोबार है। इसका आंकड़ा पुलिस अपने पास रखेगी।
-डॉ. एम तमिल वाणन, एसएसपी जमशेदपुर
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