
कांकेर व बालोद जिले के जंगल में भ्रमण कर रहे हाथी गुरुवार रात अंतत: नेशनल हाईवे क्रॉस कर धमतरी जिले के डुबान इलाके में पहुंच गए। हाथियों का झुंड दो दिन से हाईवे क्रॉस करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन भारी ट्रैफिक होने के कारण हाथी सड़क पर नहीं आ पा रहे थे। गुरुवार रात जैसे ही हाथी दल सड़क के करीब पहुंचा बालोद वन विभाग ने दोनों ओर से मार्ग को करीब एक घंटा ब्लॉक कर दिया। इसके बाद हाथी दल ने आसानी हाईवे क्रॉस कर धमतरी जिले में प्रवेश कर लिया।
कांकेर जिले के चारामा व बालोद जिले के जंगला में पिछले कई दिनों से फसलों व घरों को नुकसान पहुंचाने के बाद आगे बढ़ते हुए हाथी नेशनल हाईवे के करीब पहुंच गए थे लेकिन सड़क पार नहीं कर पा रहे थे। गुरुवार रात 10.30 बजे एक हाथी सड़क पर पहुंचे तो वन विभाग ने राजाराव पठार व टोल टैक्स नाका के पास वाहनों को रोक दिया। नेशनल हाईवे की सड़क पूरी तरह सुनी हो गई तो हाथी धीरे धीरे उसे पार करने लगे। अलग अलग झुंड में 23 हाथी बच्चों समेत उस पार चले गए। बालोद वन विभाग जब पूरी तरह आश्वस्त हो गया तब मार्ग को बहाल कर दिया।
हाथियों के दल ने यहां पहुंचाया नुकसान : गुरुवार को ओनाकोना के निकट धमतरी के एक व्यवसायी के फार्म हाउस में हाथियों ने हमला बोल वहां तोड़फोड़ की। इसके बाद निकट एक खेत में गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचाया। आगे बढ़ते हुए हाथी गंगरेल बांध के डुबान इलाके के गांव तुमा बुजूर्ग पहुंचे। यहां धान फसलों को नुकसान पहुंचाया। शुक्रवार शाम तक हाथी तुमा बुजूर्ग गांव के जंगल में डेरा डाले हुए थे।
संभावना जताई जा रही है कि हाथी बांध के डुबान वाले इलाके से किनारे किनारे आगे बढ़ सकते हैं। दूसरी संभावना यह भी है कि हाथी महानदी किनारे किनारे होते हुए वापस चारामा के भिरौद की ओर आ सकते हैं क्योंकि इसी रास्ते से वे आगे बढ़े थे। इसे देखते हुए वन विभाग ने इन इलाकों में सावधान रहने मुनादी करा दी है।
फोटो लेने गए ग्रामीणों को हाथियों ने दौड़ाया
ग्राम तुमा बुजूर्ग के जंगल में हाथियों के होने की खबर पाकर कुछ ग्रामीण उन्हें देखने पहुंचे। यहां कुछ युवक हाथियों की फोटो लेने उनके काफी करीब तक चले गए थे। हाथियों ने इन युवकों को काफी दूर तक दौड़ाया। जैसे तैसे युवक वहां से भाग कर अपनी जान बचाए।
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