
बस्तर जिले में जापानी बुखार से बच्चों को निजात दिलाने के लिए टीकाकरण अभियान में देरी जारी है। 23 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान में बस्तर जिला प्रदेश के 5 जिलों में चल रहे टीकाकरण अभियान में चौथे नंबर पर है। अभियान के तहत मिले लक्ष्य को तय समय पर पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले में पिछले 5 सालों में जहां इस बीमारी से 50 लोग पीडि़त पाए गए हैं तो वहीं दूसरी ओर 5 लोगों की मौत हो गई है। अभियान में कर्मचारी केवल खानापूर्ति के तहत पूरा कर रहे हैं। गांव में न तो इसके लिए मुनादी करवाई जा रही है और न ही ग्रामीणों को इस बीमारी के बारे में बताया जा रहा है। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सी आर मैत्री ने कहा कि बच्चों को जापानी बुखार से बचाने के लिए लगाए जाने वाले टीकाकरण अभियान में तेजी लाई जा रही है। तय समय में लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।

राज्य टीकाकरण अधिकारी ने जताई थी चिंता
बस्तर जिले में जापानी बुखार के मामले लगातार बढ़ने को लेकर राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ अमर सिंह ठाकुर ने पहले ही चिंता जता चुके हैं। कुछ दिनों पहले जगदलपुर कृषि महाविद्यालय में टीकाकरण कार्यक्रम को लेकर हुई बैठक में उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को बताया था कि बस्तर जिले में अन्य जिलों की तुलना में 2016 से 2020 तक सबसे अधिक 34 फीसदी लक्षण मिले हैं। जबकि दंतेवाड़ा में 30, बीजापुर में 20, सुकमा में 14 और कोंडागांव के साथ ही धमतरी जिले में 1- फीसदी लक्षण मिले हैं। बस्तर जिले में इस बीमारी से निजात दिलाने में लापरवाही बरती गई तो आने वाले दिनों में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
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