जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट रैकेट के खिलाफ जांच के बाद शनिवार को अखिल अग्रवाल को गिरफ्तार कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। आरोप है कि 141 करोड़ रुपए मूल्य के स्टील आइटम जैसे टीएमटी,चैनल का व्यापार दर्शाकर 21 करोड़ रुपए की जीएसटी को आईटीसी के रूप में कई अन्य व्यापारियों को पारित किया था।
इसी प्रकरण की जांच व विवेचना में तब उजागर 141 करोड़ रुपए मूल्य के फर्जी बिल्स बढ़कर 651 करोड़ तक जा पहुंचा। इसमें लगभग 108 करोड़ की जीएसटी शामिल है। इससे पहले फ़रवरी 2019 में रायपुर के मेसर्स श्रीश्याम सेल्स कारपोरेशन द्वारा फर्जी बिल्स के निर्गत से जीएसटी का व्यापक घोटाला उजागर करते हुए उसके पार्टनर्स आयुष गर्ग एवं संतोष अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।
ऐसी सभी फर्मों पर नज़र रखी जा रही है जो इस प्रकार के घोटाले में लिप्त हैं। सभी पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
-अजय कुमार पाण्डेय, एडीजी
हमने बीते दो वर्षों में लगभग 385 करोड़ रुपए के फर्जी आईटीसी घोटालों को उजागर किया। आगे भी ऐसे घोटालों को उजागर कर शासन को कर हानि होने से बचाएंगे।
- नेम सिंह, अपर निदेशक, जीएसटी
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