रायपुरा में गुरुवार-शुक्रवार आधी रात युवक ने अपने भांजे के साथ मिलकर अपने दोस्त की चाकू मारकर हत्या कर दी। उसके बाद पहचान छिपाने के लिए पहले उसका सिर कुचला फिर पेट्रोल से उसे जला दिया। सुबह करीब 8 बजे पुलिस को जली हुई लाश की सूचना मिली। उसके बाद करीब 8 घंटे के भीतर साइबर सेल की टीम ने मृतक के दोस्त और हत्याकांड के मास्टर माइंड व उसके भांजे को पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार मृतक की पिकअप गाड़ी हथियाने के लिए उसके दोस्त ने भांजे के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।
रायपुर में सुबह करीब साढ़े सात बजे लोगों ने खाली प्लॉट पर जली हुई लाश देखी। वहीं एक पत्थर खून से सना पड़ा था। लोगों ने पुलिस को खबर दी। कुछ ही देर में पुलिस और साइबर सेल की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। एएसपी लखन पटले ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि मूलत: मुंगेली निवासी वकील कैवर्त (32) पिकअप चलाता था। वह डूमरतराई से सब्जी लेकर दुर्ग, बेमेतरा और बिलासपुर पहुंचाता था। वह अपनी गाड़ी में ही सोता था। हर 4-5 दिन में वह घर जाता था। थोक सब्जी मार्केट में चंगोराभाठा का दीपक यादव(27)भी गाड़ी चलाता था। दीपक गाड़ी की किश्त जमा नहीं कर पाया तो एक माह पहले उसके मालवाहक को फायनेंस कंपनी ने जब्त कर लिया। वह बेरोजगार हो गया। उसने वकील की पिकअप पर कब्जा करने की प्लानिंग की। उसने दो दिन पहले वकील से मुलाकात की और कहा कि उसे कुछ सामान बिलासपुर छोड़ना है। सामान छोड़ने के लिए वह 6 हजार देगा।
वकील राजी हो गया। वकील गुरुवार रात 9 बजे दीपक के पास माल लेने पहुंचा। दीपक ने कहा कि पहले पार्टी करते हैं, उसके बाद जाएंगे। दीपक ने अपने भांजा शेखर यादव को भी बुलाया। तीनों ने रायपुरा के एक खाली प्लाॅट में बैठकर शराब पी। दीपक ने वकील को खूब शराब पिलायी। वकील जब होश में नहीं था, तब मौका देखकर दीपक ने जेब से चाकू निकाला और वकील का गला रेत दिया। उसने चाकू से उसके सीने में कई वार किए। फिर दीपक और शेखर ने मिलकर पत्थर से वकील का सिर कुचल दिया। हत्या के बाद दोनों घबरा गए। तब दीपक ने वकील की पहचान छिपाने उन्होंने पेट्रोल डालकर उसे जला दिया। उसके बाद आरोपी वहां से भाग गए। मामा-भांजे अपने साथ पिकअप को ले जाना चाहते थे। आरोपियों ने इसलिए पहले से नया नंबर प्लेट भी बना ली थी, जिसमें दीपक की गाड़ी का नंबर था। घटना स्थल में पेंट और ब्रश भी लेकर गए थे। उसे भी वहीं छोड़ दिया। दीपक भागते समय अपना खून से सना कपड़ा भी वहीं छोड़ दिया।
ऐसा मिला क्लू
पुलिस ने घटना स्थल के आसपास जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को वकील की गाड़ी का पता चला। गाड़ी की जांच के दौरान वकील का पर्स मिला, जिसमें आधार कार्ड था। इससे मृतक की पहचान की गई। उसमें एक नंबर भी था जो दीपक का था। दीपक से संपर्क किया गया तो उसने वकील के बारे में जानकारी दी। फिर पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया और डूमरतराई पहुंची। वहां पुलिस को पता चला कि वारदात वाली रात वकील की गाड़ी को दीपक ने बिलासपुर के लिए बुक किया था। शक की सुई दीपक की ओर घूमी और साइबर सेल की टीम ने तकनीकी जांच की। क्लू मिलने के बाद दीपक को हिरासत में लिया और पूछताछ की। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने हत्या की बात कबूल कर ली। उसने अपने भांजे शेखर के बारे में पुलिस को बताया। पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।
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