Breaking

Sunday, January 10, 2021

निविदा रद्द कराने फर्जी प्रमाण पत्र दिया बिना जांच करे समिति ने भी निरस्त किया

जवाहर वार्ड प्राइमरी व मिडिल स्कूल में शासन की योजना के तहत स्मार्ट टीवी व अन्य सामग्री खरीदी जानी है। इसके लिए 6 माह पूर्व निविदा बुलाते प्रक्रिया की गई लेकिन आज तक टीवी आदि स्कूल नहीं पहुंची। इसका कारण वहां के पार्षद के चहेते डीलर को निविदा नहीं मिलना है। वार्ड पार्षद ने निविदा प्रक्रिया को गलत बताने एक प्रमाण पत्र दिया जो फर्जी है। पार्षद के दबाव में उसे ही पुता सबूत मानते समिति ने भी निविदा रद्द कर दी।
जवाहर वार्ड प्रायमरी स्कूल में 65 इंच स्मार्ट टीवी व सीसी टीवी कैमरा तथा मिडिल स्कूल में 65 इंच स्मार्ट टीवी खरीदने समिति ने अगस्त 2020 में निविदा बुलाई। 5 अगस्त को प्रक्रिया पूरी की गई। सबसे कम दर पर समान देने निविदा शहर के धन्नामल गुल्लुमल फर्म का पाया गया। फर्म की निविदा स्वीकृत की लेकिन सामान नहीं खरीदा गया। पार्षद जयंत अटभैया ने निविदा विधिवत नहीं होने का आरोप लगाते पूरी प्रकिया पर आपत्ति जता दी। एक फर्म के शामिल नहीं होने के बाद भी उसका कोटेशन देने की बात कही गई। कुछ दिन बाद पार्षद ने एमआई स्टोर्स नाम से एक प्रमाण पत्र जमा किया। फर्म की ओर से लिखा गया है कि उक्त निविदा में उसने भाग नहीं लिया है। शिक्षक द्वारा कोटेशन मांगा गया था जो निविदा के लिए नहीं था। निविदा प्रक्रिया होने के 6 माह बाद शुक्रवार 8 जनवरी को स्कूल समित ने निविदा निरस्त होने की सूचना धन्नामल गुल्लुमल फर्म को भेजी जिसके बाद मामला तूल पकड़ने लगा।

सीसीटीवी के चलते प्राइमरी में निविदा रद्द नहीं
समिति ने मिडिल स्कूल में टीवी सप्लाई निविदा रद्द कर दी क्योंकि निविदा पाने वाले फर्म के पास इसकी ही नोटिस पहुंची थी। मिडिल व प्रायमरी स्कूल में एक साथ एक जैसी निविदा हुई थी लेकिन अबतक प्रायमरी स्कूल में निविदा रद्द नहीं की गई। प्रायमरी स्कूल में टीवी के अलावा सीसीटीवी कैमरा की भी निविदा हुई है लेकिन सीसीटीवी कैमरा धन्नामल गुल्लुमल के बजाए किसी अन्य कम्यूटर दुकान को मिला है जो पार्षद का करीबी है जिसके चलते इस निविदा अबतक निरस्त नहीं की गई है। मामला तूल पकड़ा तो वहां भी निविदा निरस्त करने की बात की जा रही है।

निविदा स्वीकृत नहीं हुई तो वे प्रक्रिया से बाहर हो गए
प्रमाण पत्र की जांच की गई तो पता चला उसमें हस्ताक्षर एमआई स्टोर्स फर्म संचालक के नहीं है, न ही वह पत्र फर्म के लेटर हेड में था। एक कोरे कागज में प्रिंटेड पत्र था जिसमें फर्म का मोबाइल नंबर लिखा हुआ था। निविदा के दौरान फर्म का प्रिंटेड बिल व उसमें उसका जीएसटी नंबर भी दर्ज था। स्कूल रजिस्टर में भी फर्म संचालक के हस्ताक्षर हैं। एमआई स्टोर्स के संचालक सन्नी खटवानी ने बताया उसने निविदा में भाग लिया था। निविदा स्वीकृत नहीं हुई तो वे स्वयं प्रक्रिया से बाहर हो गए। एमआई स्टोर्स संचालक के बयान व प्रस्तुत प्रमाण पत्र से साफ है पार्षद द्वारा निविदा को फर्जी बताने दिया गया प्रमाण पत्र भी फर्जी ही है।

दुकान वाले ने जो कागज दिया मैंने वही पेश किया
पार्षद जयंत अट्टभैया ने कहा निविदा विधिवत नहीं हुई है। इसमें एमआई स्टोर्स फर्म शामिल नहीं थी। मैने उसकी दुकान से प्रमाण मांगा था। फर्म संचालक ने जैसा प्रमाण पत्र दिया मैने आपत्ति के साथ उसे जमा किया है।

देरी होने से अब 55 की टीवी 65 हजार की हुई
जिस समय टीवी के दाम बुलाए गए थे उस समय 65 इंच स्मार्ट टीवी 55 हजार रुपए में डीलर देन तैयार था। बाकी सभी ने कीमत 68 हजार तक बताई थी। पांच माह में इलेक्ट्रानिक्स सामानों के रेट बढ़े और 55 हजार कीमत वाली टीवी अब 65 हजार हो गई है। इसके बावजूद फर्म बच्चों के भविष्य को देखते इस दर पर टीवी देने तैयार है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2LBjc8L

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad

Pages