आने वाले समय में पेयजल की समस्या को ध्यान में रखते हुए एसईसीएल बैकुंठपुर के द्वारा काॅलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी का उपयोग दैनिक निस्तार में करने के लिए 13 करोड़ 80 लाख की लागत से तीन क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट इंस्टॉल किया जा रहा है। यही नहीं गंदे पानी को साफ कर खेतों में सिंचाई के लिए भी सप्लाई किया जाएगा। इससे करीब 20 हजार की आबादी काे फायदा मिलेगा।
एसईसीएल काॅलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी और उसके ट्रीटमेंट के लिए तैयार किए गए सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को मंजूरी मिलने के बाद जिले के एसईसीएल क्षेत्र कटकोना, झिलीमिली, शिवपुर-चरचा में प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया गया है। इससे प्रतिदिन 27 लाख 50 हजार लीटर गंदे पानी को साफ कर दैनिक उपयोग के लिए सप्लाई करने की योजना बनाए गई है। इसमें कटकोना में 3.20 करोड़ की लागत से 5 लाख लीटर, झिलीमिली में 3.60 करोड़ की लागत से 7 लाख लीटर और शिवपुर-चरचा में 7 करोड़ की लागत से 15 लाख लीटर क्षमता वाले तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर से मंजूरी मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
मंजूरी मिलने के बाद सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू
एसईसीएल बैकुंठपुर जीएम एस.नागाचारी ने बताया कि तीनों माइनिंग एरिया के काॅलोनियाें में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट के लिए 13 करोड़ 80 रुपए की मंजूरी मिली है। काम भी शुरू हो गया है। गर्मी के दिनों में वाटर लेवल नीचे चले जाने से पानी की समस्या बढ़ जाती है। अब इस प्रोजेक्ट से इस समस्या का हल हो जाएगा। कालोनी से लगे खेतों में सिंचाई के लिए किसानों को भी पानी मिल सकेगा।
निस्तार और सिंचाई के उपयोग में लिया जाएगा पानी
यहां बता दें कि एसईसीएल काॅलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ कर यानी रिसाइकिल कर उसी पानी की सप्लाई दैनिक निस्तार के लिए काॅलोनियों में करने के साथ ही किसानों को सिंचाई के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। योजना के तहत एसईसीएल काॅलोनी के पास ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इधर इससे पहले नपा बैकुंठपुर के द्वारा साल 2018 में वार्डों से निकलने वाले गंदे पानी को साफ कर सप्लाई करने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट तैयार किया गया था, लेकिन नपा सीएमओ राकेश शर्मा के ट्रांसफर होने के बाद प्रोजेक्ट पर आगे काम नहीं हो सका।
40 सालों तक कॉलोनियों का गंदा पानी होगा फिल्टर
ट्रीटमेंट के बाद पानी का उपयोग पार्कों की हरियाली समेत खेतों में सिंचाई के लिए किया जाएगा। इसके अलावा फायर ब्रिगेड, फायर ब्रिगेड वाहन और कोयला खदान में इस पानी को भेजा जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट का निर्माण आने वाले 40 सालों में काॅलोनी से निकलने वाले सीवरेज व गंदे पानी को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। काॅलोनी के आसपास के खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा।
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