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Tuesday, June 2, 2020

संदिग्धों का सैंपल लेने में प्रयुक्त पीपीई किट सदर अस्पताल परिसर में खुले में फेंकी जा रही

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन सदर अस्पताल प्रशासन इसके संक्रमण को बढ़ावा देने जैसा कार्य कर रही है। लापरवाही जिसकी भी हो, लेकिन इसका खामियाजा अस्पताल पहुंचने वाले कर्मी, मरीज या अन्य लोगों को उठाना पड़ सकता है। सदर अस्पताल में कोरोना संदिग्धों का सैंपल लेने के दौरान चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी जिस पीपीई किट का उपयोग करते हैं। उस पीपीई किट का त्वरित निस्तारण किया जाना है। लेकिन सदर अस्पताल में पिछले एक सप्ताह से यह किट डस्टबिन के अलावे आईसोलेशन वार्ड, रैन बसेरा आदि के आस-पास खुले में फेंका जा रहा है। इससे सदर अस्पताल आने वाले मरीज व कर्मियों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। सदर अस्पताल की इस लापरवाही के कारण परिसर में घूमने वाले कुत्ते भी उससे संक्रमित होकर सैकंडों लोगों को संक्रमण का शिकार बना सकते हैं। इन सभी बातों को जानने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग लापरवाह दिख रहा है।
सिनर्जी बायोवेस्ट कंपनी भागलपुर को दिया गया है ठेका
स्वास्थ्य विभाग द्वारा सदर अस्पताल में संदिग्ध मरीजों का सैंपल लेने के बाद चिकित्सक इस्तेमाल किए हुए पीपीई किट को खोलकर एक बैग में रखते हैं। उसके बाद भागलपुर की सिनर्जी बायोवेस्ट कंपनी के द्वारा उक्त बैग को प्रतिदिन यहां से भागलपुर ले जाकर भागलपुर में इसके डिस्पोजल के लिए बना इंसीनरेटर में डालकर इसका निस्तारण करती है। सदर अस्पताल में इसकी देखरेख के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के सीनियर हेल्थ एक्जीक्यूट को जिम्मेवारी दी गई है। जो प्रतिदिन इसकी निगरानी करेंगे, लेकिन कंपनी द्वारा जब पिछले एक सप्ताह से कचड़ा नहीं ले जाया गया तो कचड़ा डस्टबिन से बाहर आ गया और अब यत्र-तत्र बिखर कर संक्रमण का खतरा बढ़ा रहा है।

महिला ओपीडी के लिए पंक्तिबद्ध मरीजों को हो सकता है खतरा
सदर अस्पताल में रखे जिस डस्टबिन में पीपीई किट को डिस्पोजल के लिए रखा जा रहा है वहां पास में ही महिला ओपीडी है। ऐसे में इलाज के लिए आने वाली महिलाओं की लग रही लम्बी कतार का संपर्क डस्टबिन से हो सकता है और उनमें इस किट के माध्यम से संक्रमण का खतरा बढ़ जा रहा है। वहीं दूसरी ओर जहां पर परिसर में पीपीई किट फेंका गया है वहां पास में ही जांच कराने आने वाले प्रवासियों के लिए रैन बसेरा बनाया गया है। ऐसे में उन सब में भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। इसके अलावे आस-पास के कुत्ते भी उस पीपीई किट के संपर्क में आ रहे हैं, जिस कारण कुत्तों में संक्रमण और उन कुत्तों से आम इंसानों में संक्रमण का खतरा सदर अस्पताल की इस लापरवाही के कारण बढ़ रहा है।
स्वास्थ्य कर्मियों की 30 तक छुट्टी रद्द

सोनो| आगामी 30 जून तक स्वास्थ्य विभाग के वरीय पदाधिकारी से लेकर कर्मी तक का छुट्टी रद्द कर दिया गया है। जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डा. विजयेंद्र सत्यार्थी ने बताया कि कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर सरकार द्वारा अनलॉक लगा देने को लेकर ऐसा किया गया है। उन्होंने बताया कि इस महामारी को लेकर आपातकालीन चिकित्सा के तहत अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रशिक्षक, पारा मेडिकल स्टाफ, जीएनएम, एएनएम, सहायक लैब टेक्नीशियन,चतुर्थवर्गीय कर्मचारी सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी की छुट्टी आगामी 30 जून तक रद्द कर दिया गया है। बताते चलें पूर्व में बीते 31 मई तक छुट्टी रद्द किया गया था। जिले में बड़ी संख्या में प्रवासियों के हॉटस्पॉट जोन से आने को देखते हुए यह कदम एहतियातन उठाया गया है।

लापरवाही क्यों बरती जा रही इसकी होगी जांच
इस तरह की लापरवाही से संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। इस लापरवाही के जिम्मेवार अस्पताल प्रबंधक से इस संबंध में पूछा जाएगा। प्रबंधक को जल्द से जल्द इसके निस्तारण को कहा गया है। आगे से ऐसा न हो इसके लिए भी उन्हें चेतावनी दी गई है।
-डॉ. विज्येंद्र सत्यार्थी, सिविल सर्जन, जमुई



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ओपीडी से सटे परिसर के डस्टबिन में पीपीई किट (लाल घेरे में)।
सदर अस्पताल परिसर में फेंकी हुई पीपीई किट(लाल घेरे में)।


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