केंद्र सरकार ने दुर्ग जिले को ग्रीन जोन में रखा है। दुर्ग संभाग के सभी जिले ग्रीन जोन में है। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में कुछ रियायतें मिलेंगी। मगर प्रशासन इसे एक्जीक्यूट कराने में काफी सख्ती भी बरतेगा। तभी कोरोना से जंग जीत सकेंगे। दुर्ग जिले में 25 मार्च को कोरोना का एक मरीज मिलने के बाद आॅरेंज जोन में था। इसके बाद जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, नगर निगम और बीएसपी समेत सभी जिम्मेदारों ने कोरोना से जंग जीतने का संकल्प लिया। परिणाम सुखद भी आया। जिलेभर में 17000 से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग हुई। 1400 से ज्यादा लोगों का सैंपल लिया गया। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। कुछ रिपोर्ट पेंडिंग है। रोजाना 50 सैंपल लिए जा रहे हैं।
अन्य राज्यों से आने वालों को ट्रेस कर मेडिकल परीक्षण कराएंगे: कलेक्टर
कलेक्टर अंकित आनंद ने कहा लॉकडाउन का सही तरह से एक्जीक्यूशन जरूरी कदम है। लगातार प्रशासनिक स्तर पर प्रयास किए जा रहे। हमने क्या बेहतर किया यह फिलहाल बताने का समय नहीं है। लॉकडाउन तक क्या बेहतर कर सकते हैं, यह जरूरी है। अब तो इंटर स्टेट ट्रैव्हलर की भयंकर तरीके से मॉनीटरिंग होनी है।
4 हिस्सों में बांटकर लॉकडाउन के नियमों का पालन कराया: एसएसपी
एसएसपी अजय यादव ने कहा जनसंख्या को देखते हुए शहर का 4 हिस्सों में बांटा गया। सभी अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई। 900 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर तैनात किया गया। 1 लाख लोगों के साथ साइकिल रैली, फिटनेस प्रोग्राम चलाकर लोगों को घरों में रहने का संदेश दिया गया। अब और सख्ती होगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया बाजार पर भी हम फोकस: सीईओ
बीएसपी सीईओ अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा, लॉकडाउन में कई मिलों में उत्पादन जारी रखा है। इस समय का सदुपयोग करने और भविष्य में लंबी छलांग लगाने की योजना के तहत बंद मिलों का संधारण कार्य शुरू कर दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान भी रेलपांत का उत्पादन निरंतर बनाए रखने में कार्मिक सफल रहे हैं।
इस 38 दिनों में एक ही चीजों को तीन-तीन बार किया: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा बाहर से आने वाले लोगों का 28 दिनों की निगरानी का प्रोग्राम तैयार किया। संदिग्धों की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी उन्हें आइसोलेशन के लिए भेजा। बाहर से आने वालों की ट्रैवल हिस्ट्री का डाटा तैयार किया। सर्वे कर होम आइसोलेशन कराया। एक ही चीज को तीन-तीन बार कराने से मदद मिली।
दुर्ग जिले में क्या कुछ खुलना है, अब यह प्राथमिकता तय करेगा जिला प्रशासन
केंद्र ने भले ही ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। मगर अब भी यह स्पष्ट होना बाकी है कि ग्रीन जोन के दायरे में आने वाला दुर्ग जिला में क्या-कुछ खुलेगा? यह प्राथमिकता जिला प्रशासन तय करेगा। एक अफसर की माने तो केंद्र की गाइडलाइन पर राज्य शासन को अमल कराना है। इसलिए राज्य सरकार से आदेश का इंतजार जिला प्रशासन को है। वैसे ग्रीन जोन के शहरों में जरूरी चीजों की दुकानें, बस सेवा (50% यात्री), उद्योग समेत अन्य दुकान खुलने वाली है। अभी यह तय होना बाकी है। संभवत: शनिवार को इस संबंध में गाइडलाइन आ सकती है।
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