कोरोना संक्रमण काल के विषम परिस्थितियों में रोजी-रोटी के लिए वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में तेंदूपत्ता संग्रहण लॉकडाउन में वनवासियों के लिए आय का अच्छा साधन बन गया है। इस वर्ष जिले के 32 हजार 269 वनवासियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से तेन्दूपत्ता संग्रहण से रोजगार मिला है।
तेन्दूपत्ता तोड़ाई में कोरोना संक्रमण से बचाव का भी ध्यान रखा जा रहा है। संग्राहक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए तेन्दूपत्ता का तोड़ाई कर रहे हैं। हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए प्रतिवर्ष जिले के वनवासियों में काफी उत्साह रहता है। वर्तमान में तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 400 रुपए प्रति सैकड़ा है।
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