डीजीपी डीएम अवस्थी ने नक्सलियों तक हथियार, रसद या अन्य सामान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के आईजी व एसपी से नक्सलियों की सप्लाई लिंक को तोड़ने कहा। पुलिस प्रमुख ने कहा कि नक्सलियों की मदद करने वालों पर इंटेलीजेंस अफसरों की सीधी नजर है।
डीजीपी अवस्थी ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एंटी नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सप्लाई लिंक को तोड़ने के लिए विशेष तौर पर जोर दिया। डीजीपी ने कहा कि नक्सलियों तक मदद पहुंचाने वाले को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने सभी एसपी को कांकेर के सिकसोड़ का उदाहरण देते हुए कहा कि इसी तर्ज पर नक्सलियों के मददगारों पर यूएपीए एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई करें। बस्तर और सरगुजा रेंज के सभी एसपी को इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर रणनीति बनाकर ऑपरेशन चलाने कहा, जिससे पुलिस को कम से कम नुकसान हो। कवर्धा और राजनांदगांव एसपी को मध्यप्रदेश की सीमा पर ज्यादा सावधानी बरतने के साथ ही दोनों जिलों द्वारा ज्वाइंट ऑपरेशन चलाने कहा। इस दौरान एडीजी एंटी नक्सल ऑपरेशन अशोक जुनेजा, आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, डीआईजी ओपी पाल सहित एंटी नक्सल ऑपरेशन से जुड़े अधिकारी शामिल हुए।
कांकेर में हुई थी बड़ी कार्रवाई
नक्सली हथियार, बारूद, डेटोनेटर, वर्दी, राशन, दवा आदि के लिए शहरी नेटवर्क पर निर्भर होते हैं, जो उन्हें जंगल में ये सामान पहुंचाते हैं। कांकेर पुलिस ने इंटेलीजेंस इनपुट के आधार पर 11 लोगों को पकड़ा, जो ये सामान पहुंचा रहे थे। ये सभी तीन साल से एक्टिव थे।
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