
ग्रामीण फार्मासिस्टों ने 2 मई को होने वाले कैबिनेट बैठक में रेगुलर न किए जाने पर इमरजेंसी ड्यूटियां छोड़ने की चेतावनी दी है। ग्रामीण हेल्थ फार्मेसी अफसर एसोसिएशन के राज्य प्रधान जोत राम मदनीपुर, चेयरमैन बलजीत बल, महासचिव नवदीप कुमार, सीनियर वाइस प्रधान सरवत शर्मा व जिला संगरूर के प्रधान प्रिंस भरत ने कहा कि यदि 2 मई को होने वाली कैबिनेट बैठक में ग्रामीण फार्मासिस्टों को रेगुलर करने संबंधी कोई फैसला न लिया गया तो फार्मासिस्ट कोरोना को लेकर लगाई गई इमरजेंसी ड्यूटी छोड़कर 3 मई को अपनी आम डयूटी पर लौट जाएंगे। साथ ही डीसी दफ्तर के समक्ष पंजाब सरकार के पुतले फूंक प्रदर्शन किया जाएगा।
कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं, सिर्फ 10 हजार रुपए वेतन
ग्रामीण फार्मासिस्टों ने कहा कि पिछले 14 सालों से नाममात्र वेतन पर काम कर रहे हैं। जिनकी कोई जॉब सिक्योरिटी नहीं है बल्कि 10 हजार रुपए वेतन मिलता है। अब पिछले डेढ़ माह से कोरोना महामारी में समूह फार्मासिस्ट आइसोलेशन वार्ड, रेड जोन एरिया, रेपिड रिस्पांस, डोर टू डोर आदि में तनदेही से डयूटी निभा रहे है। जिस कारण सरकार को चाहिए इन फार्मासिस्टों को पहल के आधार पर पक्का किया जाए। नहीं तो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए जाएंगे।
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