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Monday, June 29, 2020

सरकार को ना पैसे देंगे ना शर्त मानेंगे जमीन छीनी तो लड़ेंगे सड़क की लड़ाई

छग सरकार की भूमि स्वामी योजना केे तहत पट्टा देने वसूली जा रही रकम के विरोध में सोमवार को नरहरपुर बंद रहा। नगरवासी इसका विरोध करने कांकेर आने वाले थे। लेकिन धारा 144 लागू होने के करण नहीं आ पाए। कांकेर एसडीएम नरहरपुर पहुंच गए। मामला शांत करने नगरवासियों से ज्ञापन लेकर सरकार तक बात पहुंचाने का आश्वासन दिया। इधर नगरवासियों ने दो टुक कहा कि वे जमीन के मामले में न तोकोई शर्त मानेंगे और न ही एक रूपए देंगे। प्रशासन जबरदस्ती कार्रवाई करेगा तो वे सड़क की लड़ाई लड़ने तैयार हैं।
रविवार बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सोमवार को नरहरपुर बंद रहा। नगरवासी विरोध जताने सोमवार को कांकेर आने अमोड़ा रोड स्थित आम बगीचा में एकत्रित हो रहे थे। जानकारी लगते ही प्रशासन ने धारा 144 लागू होने की जानकारी दी। फोर्स भी तैनात कर दी गई। इसे देखते नगरवासी वहां से हटकर शीतला मंदिर प्रांगण में जमा हुए और आंदोलन के लिए रणनीति तैयार करने लगे।

जिस जमीन पर 4 पीढ़ियों से कब्जा उसका पट्‌टा रद्द किया
खबर लगते ही सुबह 11.30 बजे कांकेर एसडीएम यूएस बंदे नरहरपुर पहुंचे। नगरवासियों से चर्चा की और उनसे ज्ञापन लिया। ज्ञापन में उल्लेखित है कि जिस जमीन को प्रशासन अतिक्रमण बता रहा है उसमें वे पिछले कई सालों से काबिज हैं। उनकी कई पीढ़ी इसी जमीन में रह चुकी है। पूर्व की सरकार ने इसका पट्टा भी दिया था। जिसे अभी निरस्त कर दिया गया है। अब व्यवस्थापन व भूमि स्वामी पट्टा देने उक्त जमीन की प्रचलित दर का 152 प्रतिशत राशि जमा करने कहा जा रहा है। राशि नहीं देने पर मकान व दुकान तोडऩे की बात कही जा रही है। नगर में कई गरीब तबके के लोग हैं जो राशि जमा नहीं कर सकते। सरकार बिना किसी शर्त के अपना आदेश वापस ले। यदि जबरदस्ती कार्रवाई हुई तो आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने नगर पंचायत अध्यक्ष भोपेश नेताम, मुकेश संचेती, महेश साहू, अशोक शोरी, कुबलसिंह जुर्री, महेश पोटाई, आशाराम जुर्री, चंद्रिका निषाद, हेमलता ठाकुर पहुंचे थे। इस मुद्दे को लेकर रविवार को आयोजित नगरवासियों की बैठक तथा सोमवार को हुए प्रदर्शन से कांग्रेस पूरी तरह दूर रही। दोनों में कांग्रेस पार्षद व कार्यकर्ता नदारद रहे।

सरकारी जमीन पर हुए कब्जे को कराएं खाली
मुद्दे को लेकर जब नगरवासियों की रविवार को बैठक हुई तो यह बात भी सामने आई कि नगर में कई सरकारी जमीनों पर लोगों ने कब्जा किया है। उन्हें हटाना तो दूर नोटिस तक नहीं दी गई है। पुराने थाना की जमीन में कब्जाकर दुकान बनाई गई है। यह जमीन पुलिस विभाग की है। उसे खाली नहीं कराया जा रहा है। इसी तरह नगर के गोठान में कब्जा किया जा रहा है। इसे भी नहीं रोका जा रहा है। सरकार पहले इस तरह के कब्जे को खाली कराए।

ये है नरहरपुर में विरोध का पूरा मामला
नरहरपुर नगर पंचायत के 15 वार्डो में 444 लोगों को प्रशासन ने नोटिस भेज अतिक्रमण की गई जमीन के बदले में बाजार मूल्य से 152 प्रतिशत की दर से कुल 34 करोड़ रूपए पटाने कहा है। अलग अलग कब्जाधारियों को उनके कब्जे की भूमि के अनुसार न्यनूतम एक लाख से अधिकतम 46 लाख तक की राशि पटाने कहा गया है। नरहरपुर में नोटिस बंटने के बाद से बवाल मचा हुआ है क्योंकि सात दिन के अंदर रकम नहीं पटाने पर कब्जा हटा बेदखली की भी चेतावनी दी गई है।

न रकम देंगे न ही छोड़ेंगे जमीन : नपं अध्यक्ष
नपं अध्यक्ष भोपेश नेताम ने कहा कि नगरवासी जमीन व्यवस्थापन व पट्टा के लिए एक रूपए भी नहीं देंगे और ना ही जमीन छोड़ेंगे। प्रशासन कार्रवाई करता है तो सड़क पर उतर उग्र अंादोलन करते हुए लड़ाई लड़ी जाएगी।

गाइडलाइन अनुसारकी जा रही कार्रवाई
एसडीएम यूएस बंदे ने कहा कि नरहरपुर में शासन के गाइडलाइन अनुसार कार्रवाई की जा रही है। वहां बहुत से लोग राशि जमा कर पट्टा लेने सहमत हैं। कुछ लोगों में गलतफहमी है जिसे दूर किया जा रहा है।



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Will not give any money to the government nor accept the condition if they take the ground, they will fight the street fight


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