आरीफ हुसैन अख्तर,जीवन की सार्थकता स्वयं से हटकर दूसरों के लिए जीना भी है। इसी को सिद्ध करने में जुटी है 12 वर्षीय अनाथ बच्ची पूनम कुमारी। पूनम खुद अनाथ होकर भी अपने पड़ोस के तीन अनाथ बच्चों की परवरिश कर रही है। साथ ही एक माता-पिता की भूमिका भी निभा रही है। सदर प्रखंड क्षेत्र के असनी गांव की रहने वाली पूनम के माता हिसिया देवी व पिता मंगरा उरांव की मौत अज्ञात बीमारी के कारण 5 साल पूर्व हो गई थी। माता-पिता की मौत के बाद उसके सारे सपने टूट हो गए।
पिता की मौत के बाद तीन बच्चों को अनाथ छोड़ मां पांच साल पहले हिमाचल चली गई थी
वह अनाथ हो गई। इसके बावजूद वह हिम्मत नहीं हारी। वह कई रातें भूखे पेट सोई। इसी दौरान एक दिन उसे तीन अन्य अनाथ बच्चों से भेंट हुई। तीनों अनाथ बच्चे उसके पड़ोस के हैं। इनमें रोहित उरांव (2), आशिक उरांव (3) व 6 राज उरांव(6) शामिल हैं। इनके पिता सुखदेव उरांव की मौत एक सप्ताह पूर्व हो गई, जबकि मां 5 साल पहले हिमाचल प्रदेश भाग गई है। इसके बाद से इन बच्चों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। यह देख पूनम ने तीनों को खुद के पास शरण दी। पूनम ने बताया कि पिता का राशन कार्ड है, उससे अनाज मिलता है। राशन के अनाज का उठाव कर अपने और पड़ोस के तीन अनाथ बच्चों की परवरिश कर रही हूं।
सीएम और डीसी से बच्चों की मदद की गुहार
इधर अनाथ बच्चों की जानकारी मिलने के बाद मिशन बदलाव के भूषण भगत असनी गांव पहुंचकर उन्हें मदद पहुंचाते हुए पूरे मामले की जानकारी सीएम व डीसी को ट्वीट कर देते हुए बच्चों के संवर्धन व उनके विकास को लेकर पहल करने की मांग की। साथ ही भूषण भगत ने राज्य के नव नियुक्त महाधिवक्ता अशोक कुमार को जानकारी देते हुए बच्चों की मदद करने की गुहार लगाई है। मिशन बदलाव के द्वारा बच्चों को खाद्यान, कपड़ा व नगद राशि भेंट की गई है।
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