गुरु पूर्णिमा पर्व मनाने के लिए शहर व आसपास के श्रद्धालुओं ने अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन धरमपुरा स्थित साईं मंदिर में इस पर्व पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं होगा। कोरोना संक्रमण के बीच मंदिर समिति के पदाधिकारी और सदस्य 4 से 6 जुलाई तक पर्व मनाएंगे, लेकिन इस दौरान न तो साईं बाबा की पालकी यात्रा निकाली जाएगी और न साईं संध्या का कार्यक्रम होगा। इसके साथ ही तीन दिवसीय पर्व के दौरान होने वाले कार्यक्रम में महाभंडारा भी नहीं होगा। गुरु पूर्णिमा पर्व पर इस साल समिति ने श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में एक-एक पौधा देने का निर्णय लिया है। इन पौधों में फलदार और फूल वाले पौधे शामिल होंगे।
मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि श्रद्धालुओं से इन पौधों को उनके घर में लगाने के लिए कहा जाएगा। ये पौधे श्रद्धालुओं को को प्रसाद के रूप में दिया जाएगा। साईं समिति के सदस्यों ने बताया कि 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर्व पर होने वाली पूजा पूरे विधि-विधान के अनुसार मंदिर के पुजारी करेंगे। दूसरी जगहों से पंडित को नहीं बुलाया गया है। मंदिर में पूजन और दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। इसके साथ ही मास्क की अनिवार्यता भी लागू की गई है।
पिछले साल कोलकाता से पहुंचे थे 10 कारीगर
पिछले साल साईं समिति के सदस्यों ने मंदिर की आकर्षक सज्जा के लिए कोलकाता से फूल और कारीगरों को बुलाया था। इस महोत्सव में मंदिर की सजावट के लिए 10 कारीगर पहुंचे थे, जिन्होंने मंदिर के बाहर से लेकर अंदर की सजावट आर्टिफिशियल और नेचुरल फूलों से की थी। इसके अलावा आखिरी दिन पुष्प अर्चना के लिए गुलाब के दो हजार फूल मंगाए गए थे। इस पर्व का समापन सत्यनारायण की कथा के साथ किया गया था। इस साल इतनी साजसज्जा भी नहीं की जा रही है।
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