बाढ़ और बारिश की वजह से दंतेवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में भारी नुकसान हुई है। अब तक हुई सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक जिले के अलग-अलग गांवों में 147 मकान ढह गए हैं। जबकि लाल पानी भरने से 4 हेक्टेयर से ज्यादा खेतों को नुकसान हुआ है। सबसे ज़्यादा नुकसान बचेली तहसील क्षेत्र में हुआ है। जिले में जितने भी ग्रामीणों को इस आपदा से आंशिक व पूर्ण क्षति हुई है, उन्हें प्रशासन राहत पहुंचाने की तैयारी में जुटा हुआ है। इनके लिए करीब साढ़े 6 लाख रुपए मुआवजा राशि जारी करने की प्रक्रिया अभी चल रही है। कलेक्टर दीपक सोनी के स्पष्ट निर्देश हैं कि आपदा प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाई जाए। अभी प्रशासन के पास जितने मकानों के क्षति होने की रिपोर्ट आई है, संख्या अभी बढ़ सकती है। इधर दंतेवाड़ा के कुछ गांवों में पटवारी, सचिवों ने पहुंच रिपोर्ट तैयार नहीं की है। जिन ग्रामीणों के मकान ढहे हैं। वे पटवारी व सचिव के पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं। दंतेवाड़ा ब्लॉक के धुरली के ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में करीब 8-10 ग्रामीणों के मकान बारिश की वजह से गिर गए हैं। यहां अब तक कोई भी नहीं पहुंचा है। जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन में बताया कि राजस्व टीम सर्वे कर रही है। जितने भी लोगों को इस आपदा से नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा।
इंद्रावती का बढ़ा जलस्तर, छिंदनार सीएएफ कैंप डूबा
शुक्रवार को भी दंतेवाड़ा में दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही। नदी-नाले उफान पर ही रहे। लगातार बारिश के कारण इंद्रावती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। छिंदनार नदी के आसपास इलाके में बाढ़ के हालात हैं। नदी किनारे स्थित सीएएफ कैंप के अंदर नदी का पानी घुस गया। जिससे जवानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे साईं समिति के सदस्य
इधर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए साईं समिति के सदस्य आगे आए हैं। हारम ग्राम पंचायत में जिन लोगों के मकानों को क्षति हुई है, उनसे मिलने समिति के सदस्य पहुंचे। छाता, चटाई, तालपतरी सहित अन्य सामानों की तात्कालिक मदद दी गई। इस मौके पर सूरज ठाकुर, आलोक ठाकुर, जितेंद्र देवांगन, सोहन, अशोक सार्वा सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।
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