कोरोना का कहर झेल रहे बीएसएफ जवानों पर शनिवार रात फूड पाइजनिंग की मुसीबत आ गई। संगम कैंप में शनिवार रात भोजन के बाद अचानक जवानों की तबीयत बिगड़ने लगी। एक के बाद एक बीमार जवानों को पखांजूर अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ जो रात 12 बजे से तड़के 3 बजे तक चलता रहा। कुल 28 जवानों को इलाज के लिए पखांजूर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जवानों की हालत खतरे से बाहर है।
पखांजूर से 15 किमी दूर संगम बीएसएफ कैप के जवान शनिवार 1 अगस्त की रात कैंप के मेस में भोजन करने पहुंचे थे। भोजन कर जवान अपने अपने बैरक में चले गए। कुछ देर बाद जवान पेट में जलन, पेट दर्द, उल्टी की शिकायत करने लगे। जवानों की तबीयत बिगड़ती देख तत्काल रात 12 बजे बीमार जवानों को अस्पताल पहुंचाने का सिलसिला शुरू हुआ। संगम नक्सल संवेदनशील क्षेत्र होने के बावजूद जवानों गंभीर स्थिति को देखते रात में ही सुरक्षा के साथ पखांजूर अस्पताल लाया गया। कुल 28 जवानों को तड़के तीन बजे तक अस्पताल लाया गया जिनका इलाज जारी है। 2 अगस्त की शाम 4 बजे तक सभी जवानों की स्थिति समान्य हो चुकी थी। अस्पताल में दाखिल जवानों में अवतार सिंह, रमाकांत राय, ाावेन कुमार, विवेक सिंह, जय प्रसाद, लोकेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह, संतोष कुमार, ओमप्रकाश, कपिल कुमार, अमर कुमार, पीपी राठौर, ओमकुमार सिंह, पुनित राणा, ए मीणा, लोकमणी यदु, कुशीराम, मुकेश चंद्र, एसके तिवारी, जोगेंद्र पाल, दिलीप सिंह, रविंद्र सिंह, लोकेंद्र सिंह, आरसी दास, सतपाल सिंह, मनीष यादव, रमेश खंगरे, टिपू खान शामिल है।
मटन मुर्गा व पनीर खाया लेकिन रोटी पर संदेह : शनिवार रात कैंप में मांसाहारी जवानों के लिए मटन मुर्गा व शाकाहारी के लिए पनीर बना था। जवानों ने रोटी भी खाई थी। रोटी के आटे में ही गड़बड़ी की आशंका जाताई जा रही है। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार जो जवान पहले रोटी खाए थे उनमें ही यह शिकायत मिली। उनका जी मचलाने के साथ जलन की शिकायत हुई। इसलिए अशंका है कि आटा में कुछ गिरा होगा।
कमीशनखोरी में स्तरहीन खाना तो नहीं परोसा जा रहा?
नक्सली मोर्चो में तैनात जवानों को अच्छी गुणवत्ता वाले उच्चस्तरीय भोजन प्रदाय करने भारी भरकम रकम खर्च किया जाता है। साथ ही अंदरूनी व नक्सल संवेदनशील इलाका होने के कारण भोजन पकाने में सुरक्षा बरतने की जिम्मेदारी रसोई विभाग की होती है। इसके बावजूद कई बार जवान दबी जुबान भोजन ठीक नहीं मिलने की शिकायत करते हैं। जिले में बीएसएफ कैंपों में स्थानीय स्तर पर ही कुछ खाद्य पदार्थों की सप्लाई हो रही है। अशंका है कमीशन खोरी के चलते कुछ स्थानीय दुकानदारों से सांठगांठ कर कम गुणवत्ता वाले सामानों की खरीदी की जा रही है जिसका नुकसान जवानों को उठाना पड़ रहा है।
खाने का लिया जा रहा सैंपल, कई एंगल पर जांच
नक्सल संवेदनशील इलाके में तैनात जवानों की फूड पाॅइजनिंग से तबीयत बिगड़ने पर मामला ऊपर तक पहुंच चुका है। सूत्रों के अनुसार कैंप में शनिवार रात बने सभी भोजन का सैंपल लिया जा रहा है जिसकी लैब में जांच होगी।
अपनी कमजोरी छिपाने बरतते हैं गोपनीयता
बीएसएफ इस मामले में पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। हमेशा देखा गया है जब भी बीएसएफ के साथ कोई घटना होती है सामने आकर स्पष्ट करने के बजाए कमजोरी छुपाने गोपनीयता का बहाना बनाया जाता है। अफसर बात करने तैयार नहीं होते। इस बार भी जवान व अफसर जानकारी देने से बचते रहे। यहां तक की फोटो खींचने पर भी पाबंदी लगा दी।
जवानों का इलाज जारी है: बीएमओ पखांजूर
बीएमओ पखांजूर व सिविल अस्पताल प्रभारी डॉ दिलीप सिन्हा ने बताया संगम के 28 जवानों की अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जवानों में फूड पाॅइजनिंग का मामला हो सकता है। जवानों का इलाज जारी है।
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