घरेलू रसाेई सिलेंडर पर उपभाेक्तओं काे मिलने वाली सब्सिडी अब बंद हाेने के कगार पर है। इस वित्तीय वर्ष अप्रैल के बाद उपभाेक्ताओं के बैंक खाते में किसी महीने 32 तो किसी महीने 37 रुपए सब्सिडी की राशि आई है। इसका कारण सब्सिडी व नन सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत हर महीने एक बराबर हाेते चले जाना है।
अप्रैल में उपभाेक्ताओं काे घरेलू गैस सिलेंडर पर 239.50 रुपए सब्सिडी मिली। मई में उपभाेक्ताओं काे 1 रुपए भी सब्सिडी नहीं मिली, वहीं जून में 32 रुपए, जुलाई में 36.50 रुपए और अगस्त में मात्र 37.50 रुपए ही सब्सिडी ही उपभाेक्ताओं के खाते में जमा हुई।

अप्रैल में 239 रुपए मिली थी सब्सिडी
धनबाद में लगभग 20 गैस एजेंसियाें के पास तीन लाख से ज्यादा डाेमेस्टिक कस्टमर हैं। 95 फीसदी उपभाेक्ता ऐसे हैं, जिनके बैंक खाते में सीधे रसाेई गैस की सब्सिडी जा रही थी। अप्रैल में उपभाेक्ताओं काे 239.50 रुपए सब्सिडी के मिले थे। तब नन सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत 803.50 रुपए थी, जबकि सब्सिडी वाले सिलेंडर का मूल्य 564 था। इसके बाद से सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत बढ़ती चली गई और अब स्थिति यह है कि रसाेई गैस पर सब्सिडी केवल नाम का रह गया है। किसी महीने सब्सिडी 40 रु. पार नहीं कर सकी।
गैस सिलेंडर पर उपभोक्ताओं के सब्सिडी से डीलर का कोई लेना-देना नहीं है। यह सरकार व मंत्रालय के स्तर पर तय होता है और उपभोक्ताओं के बैक खाते में सीधे सरकार द्वारा ही सब्सिडी की राशि भेजी जाती है। आगे उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलेगी या नहीं, इस संबंध में भी कुछ नहीं कहा जा सकता। ललन मिश्रा, संचालक, एचपी गैस एजेंसी, धनबाद
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