22 अगस्त से मनाए जाने वाले गणेश उत्सव के दौरान घर के अंदर पारंपरिक रूप से गणेश मूर्तियों की स्थापना के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेेनी होगी। इसके बाद ही श्रद्धालु अपने घरों में गणेश मूर्तियों की स्थापना कर सकेंगे। पूजन के दौरान उन्हें कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। घरों के बाहर गणेश मूर्तियों की स्थापना के लिए ही प्रशासन की अनुमति लगेगी।
कलेक्टर रजत बंसल के निर्देश अपर कलेक्टर अरविंद एक्का ने गणेश उत्सव के दौरान लगने वाले पंडालों में भीड़ और श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या में मौजूदगी को रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं, ताकि गणेश उत्सव जैसे पवित्र पर्व के दौरान कोरोना संक्रमण के फैलाव की संभावना को कम किया जा सके। इस बार गणेश उत्सव के दौरान चार फीट ऊंचाई और चार फीट चौड़ाई से अधिक आकार की गणेश मूर्तियां पंडालों में स्थापित नहीं की जा सकेंगी। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 गुणा 15 फीट से अधिक नहीं होगा। गणेश पंडालों के सामने कम से कम 5000 वर्ग फीट की खुली जगह भी रखनी होगी। निर्देश के उल्लंघन करने पर ऐपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
करनी होगी थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था: मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित एवं समिति के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी।
रजिस्टर में नोट करना होगा सबका नाम-पता
जारी निर्देशों के अनुसार पंडाल के सामने पंडाल एवं सामने 5000 वर्ग फीट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नहीं होना चाहिए। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए पृथक से पंडाल नहीं लगाया जाएगा। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगेंगी। किसी भी स्थिति में एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक मौजूद नहीं होंगे। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को रजिस्टर संधारित करना होगा, जिसमें दर्शन के लिए आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा, ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नही होगी।
देना होगा शपथ पत्र
उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यदि घर से बाहर मूर्ति स्थापिता की जाती है, तो कम से कम 7 दिवस पूर्व नगर पंचायत व ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित तहसील कार्यालय से निर्धारित शपथ पत्र मय आवेदन देना होगा व अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर एपीडेमिक डिसीज एक्ट व विधि के नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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