लॉकडाउन के बीच बाजार में राखियों की कमीं न हो इसके साथ ही चीनी राखियों के बहिष्कार के लिए पहली बार जिले में महिलाएं आगे आई हैं। 5 महिला समूह राखियां बनाने का काम कर रहीं हैं। इससे महिलाओं को रोजगार भी मिला है।
इधर दैनिक भास्कर के सलामती की डोर अभियान से जुड़ने समाजसेवी संस्था शिर्डी साईं फाउंडेशन, जिला प्रशासन भी आगे आया है। अभियान में सहभागी बनने गीदम के साईं समिति के सदस्य भी आगे आए हैं। इस अभियान के बारे में जानकारी मिलते ही समिति की महिलाएं राखियां बनाने जुट गईं। दो दिनों के अंदर 200 राखियां तैयार कर लीं। समिति की सदस्य सरिता जैन, पूनम सिंह, प्रभा यालम सहित अन्य ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स के सम्मान के लिए भास्कर की अच्छी पहल है। हम गौरवांवित महसूस कर रहे हैं।
जिले में पहली बार छिंद के पत्तों से बन रहीं राखियां, 3 दिन में 12 हजार की आमदनी
दंतेवाड़ा में पहली बार छिंद के पत्तों की राखियां बन रही हैं। झोड़ियाबाड़म गांव के दिव्यांग अनिल व उनकी टीम ये काम कर रही है। प्रशासन ने छिंद के पत्तों की बनी राखियों को बाजार दिया। इनकी बनाई राखी प्रशासन ने रायपुर भी भेज दी है। अनिल व उसकी टीम ने बताया कि 3 दिन में ही 12000 रुपए कमा लिए। अब भी लगातार डिमांड आ रही। इनके अलावा इस बार नारी निकेतन, पोन्दुम व चितालंका के स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने भी राखियां तैयार की हैं। प्रशासन ने हौसला बढ़ाया और बाज़ार उपलब्ध कराया। 25000 की राखियों का ऑर्डर दिया, जिसे बनाया जा रहा है।
कलेक्टर बोले- अच्छी पहल, करेंगे सम्मान
कलेक्टर दीपक सोनी ने भास्कर के इस अभियान की न केवल प्रशंसा की बल्कि सहयोग की भी तुरंत पहल की है। कलेक्टर दीपक सोनी व जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन ने कहा कि कोरोना वॉरियर्स का मिलकर सम्मान करेंगे। प्रशासन ने कोरोना वॉरियर्स के लिए राखियां उपलब्ध कराईं। भास्कर के इस अभियान में शामिल होकर जिला प्रशासन व समिति की मदद से दंतेवाड़ा के 200 कोरोना वॉरियर्स तक आज राखियां पहुंचाई जाएंगी।
कोरोना वॉरियर्स, जो दंतेवाड़ा में कर रहे ड्यूटी
- 100 - स्वास्थ्य कर्मी
- 50 - पुलिस कर्मी
- 20 - शिक्षा विभाग के कर्मचारी
- 25 - सफाईकर्मी और रसोइए
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