महाविद्यालय के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए यूजीसी द्वारा जारी गाइड लाइन से एनएसयूआई के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। उन्होंने रविवार को यूजीसी द्वारा जारी गाइडलाइन की प्रतियां जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि कोरोना जैसे वैश्विक बीमारी से लोग परेशान है। बड़े देशों को छोड़कर आज भारत तीसरे स्थान पर आ चुका है। केंद्र सरकार को महामारी से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए, पर केंद्र सरकार विपरीत दिशा में कदम उठा रही है। यूजीसी ने अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए तुगलकी गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन में अंतिम वर्ष एवं सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षा होने की बात हीं गई है। ऐसे में छात्र-छात्राओं को कोरोना जैसे संक्रमण से खतरा हो सकता है। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष शाहबाज राजवानी के ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच अंतिम वर्ष व सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं की परीक्षा लेना उचित नहीं है। यूजीसी की जारी गाइडलाइन को उन्होंने तुगलकी बताया है। वहीं शहर अध्यक्ष शुभम चन्द्राकर (छोटा) ने कहा की महामारी के समय केंद्र सरकार एवं यूजीसी की यह जिम्मेदारी बनती है कि बच्चे एवं समाज के हित में फैसला ले। रविवार को सभी छात्र-छात्राओं ने इस को गलत बताते हुए गाइडलाइन की प्रतियां जलाई। इस दौरान पवन कन्नौजे, पुष्कर साहू, फलेश साहू, युवराज, रमेश तारक, तन्मय सोनी, निखिल चंद्राकर, सूरज, कान्हा, करण रामटेके, हिमांशु सिंह, शुभम साहू, नयक, आयुष यादव, मोहित यादव, नंद किशोर पटेल, सूरज तारक, मानसिंह, तारक देवा साहू, टिकेंद्र यादव, मोन्टू, राहुल, दीपक तारक, कमल मौजूद थे।
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